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सैन्यकर्मियों ने जम्मू एवं कश्मीर के 8 पुलिसकर्मियों को पीटा, प्राथमिकी दर्ज

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श्रीनगर, 22 जुलाई (आईएएनएस)| कुछ सैन्यकर्मियों ने जम्मू एवं कश्मीर के गांदेरबल जिले में एक जांच चौकी पर रुकने के लिए कहे जाने पर एक सहायक सब इंस्पेक्टर समेत आठ पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की। वे सादे परिधानों में थे। जहां पुलिस ने शनिवार को कहा कि घटना में शामिल सैन्यकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है, वहीं सेना ने इसे ‘मामूली झगड़ा’ बताते हुए कहा है कि मामला सुलझा लिया गया है।

जवान अमरनाथ यात्रा पूरी करके लौट रहे थे, जब श्रीनगर से 62 किलोमीटर दूर गुंड इलाके में पुलिस चौकी पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें रुकने को कहा।

सूत्रों के मुताबिक, गुस्साए जवानों ने आठ पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की और गुंड पुलिस स्टेशन में तोड़फोड़ भी की।

पुलिस ने बताया कि सादी वेशभूषा में आए सैन्यकर्मियों को इसलिए रुकने को कहा गया था, क्योंकि सुरक्षा कारणों से शाम सात बजे के बाद राजमार्ग पर तीर्थयात्रियों की आवाजाही निषेध है।

पुलिस ने कहा, राज्य के पुलिस प्रमुख एस.पी. वैद ने कॉर्प्स कमांडर के समक्ष मामला उठाया है जो मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने घटना में कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता राजेश कालिया ने एक बयान में कहा, कल (शुक्रवार) सादी वेशभूषा में अमरनाथ यात्रा से लौट रहे कुछ सैन्यकर्मियों और गुंड के जम्मू एवं कश्मीर पुलिस के कर्मियों के बीच मामूली झगड़ा हुआ था।

कालिया ने कहा, घटना में किसी को गंभीर चोट नहीं लगी। वरिष्ठ अधिकारियों की मध्यस्थता से मामला सुलझा लिया गया है। ऐसा फिर न हो, इसके लिए कदम उठाए गए हैं।

घायलों को अस्पताल में दाखिल कराया गया है।

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मामले की जांच कराने की मांग की है।

उन्होंने ट्वीट किया, सेना किसी पुलिस स्टेशन में जम्मू एवं कश्मीर के पुलिसकर्मियों को क्यों पीटेगी? प्रशासन को इस मामले में तत्काल स्पष्टीकरण देना चाहिए/कार्रवाई करनी चाहिए।

अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक ने सेना को निशाने पर लेते हुए कहा, सेना द्वारा कश्मीरी पुलिसकर्मियों की बुरी तरह पिटाई के बारे में जानकर दुख हुआ।

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नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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