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‘ऑपरेशन स्वर्ण’ के तहत राजधानी, शताब्दी ट्रेनों के कायापलट की तैयारी

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नई दिल्ली| भारत में प्रीमियम श्रेणी की कई ट्रेनें परिचालन में हैं। राजधानी तथा शताब्दी जैसी ट्रेनें उन लोगों के लिए चलाई गई थीं, जो लग्जरी यात्रा के लिए ज्यादा से ज्यादा भुगतान करने में सक्षम थे।

लेकिन, परिचालन के कुछ वर्षो के बाद इन ट्रेनों की हालत खस्ताहाल होने लगी। आगमन-प्रस्थान में विलंब आम होने के साथ ही स्वच्छता ने भी इन ट्रेनों का साथ छोड़ दिया और खाने की गुणवत्ता भी घटिया हो गई।

इन ट्रेनों में यात्रा करने वाले लोगों की कई वर्षो तक शिकायत सुनने के बाद अब जाकर रेल मंत्रालय इन ट्रेनों का कायापलट करने की तैयारी में है। मंत्रालय ‘ऑपरेशन स्वर्ण’ शुरू करने की तैयारी में है, जिसका मकसद राजधानी तथा शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों में सेवाओं को सुधारना है।

पहले चरण के तहत, अपग्रेड करने के लिए मुंबई-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस तथा मुंबई-अहमदाबाद शताब्दी एक्सप्रेस का चयन किया गया है। काम 26 सितंबर से शुरू होगा। चरणबद्ध तरीके से अपग्रेड करने के लिए कई और ट्रेन भी चिन्हित की गईं हैं।

नाम जाहिर न करने की शर्त पर रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, रेलवे ने ट्रेनों के विलंबित आवागमन, स्वच्छता तथा खाने की गुणवत्ता खराब होने जैसी शिकायतों के मद्देनजर, अपनी सेवाओं में सुधार लाने के लिए ‘ऑपरेशन स्वर्ण’ शुरू करने का फैसला किया है।

परियोजना के तहत भारतीय रेलवे 10 प्रमुख क्षेत्रों-समय की पाबंदी, स्वच्छता, बिस्तर, कोच की साज-सज्जा, शौचालय, खानपान, कर्मचारियों के व्यवहार, सुरक्षा, मनोरंजन, डिब्बों की देखभाल तथा नियमित प्रतिक्रिया पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा।

मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि भविष्य में योजना वाईफाई, इंफोटेनमेंट स्क्रीन्स तथा कॉफी वेंडिंग मशीन भी मुहैया कराने की है। अपग्रेड ट्रेनों की साज-सज्जा में सुधार होगा, बेहतर तरीके से बने होंगे और नई सीटें पहले से अधिक आरामदायक होंगी।

अधिकारी ने कहा कि अपग्रेडेशन के लिए विभिन्न मार्गो पर प्रत्येक राजधानी व शताब्दी ट्रेन को 50 लाख रुपये की राशि आवंटित की जाएगी। काम पर नजर रखने के लिए दो समितियों का गठन किया जाएगा।

नेशनल

दिल्ली के विवेक विहार के बेबी केयर सेंटर में लगी आग, 7 बच्चों की मौत

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नई दिल्ली| दिल्ली के विवेक विहार में शनिवार रात एक बेबी केयर सेंटर में आग लगने से 7 बच्चों की मौत हो गई. पांच बच्चों का इलाज दूसरे अस्पताल में चल रहा है। अस्पताल से 12 नवजात बच्चों का रेस्क्यू किया गया था। इनमें से छह बच्चों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। जबकि एक की पहले ही मौत हो चुकी थी। बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन सिलिंडर फटने से अस्पताल में आग लगी थी।

जानकारी के अनुसार दमकल विभाग को रात 11:32 पर आग लगने की सूचना मिली थी. जिसके तुरंत बाद मौके पर दमकल विभाग की 9 गाड़ियां भेजी गई. पुलिस और दमकल विभाग ने 12 बच्चों को रेस्क्यू किया, जिनमें से 7 की मौत हो गई है। जानकारी के अनुसार 5 बच्चे अस्पताल में एडमिट है। ईस्ट दिल्ली एडवांस्ड केयर हॉस्पिटल में बच्चों को एडमिट किया गया है दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के प्रमुख अतुल गर्ग ने कहा कि विवेक विहार में आईआईटी, ब्लॉक बी के पास एक शिशु देखभाल केंद्र से आग लगने की सूचना मिलते ही कुल नौ दमकल गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं थी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बच्चों के अस्पताल में आग की ये घटना हृदयविदारक है। घटना के कारणों की जांच की जा रही है और जो भी इस लापरवाही का ज़िम्मेदार होगा, वो बख्शा नहीं जाएगा। दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने नवजात शिशुओं की मौत पर स्वास्थ्य सचिव से रिपोर्ट तलब की है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी। जो भी व्यक्ति दोषी हैं। उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में सहानुभूति के सारे शब्द कम हैं।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस हादसे में, जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खोया है, हम उनके साथ खड़े हैं। घटनास्थल पर सरकार और प्रशासन के अधिकारी घायलों को इलाज मुहैया करवाने में लगे हुए हैं। दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) प्रमुख अतुल गर्ग ने कहा कि अस्पताल में सात बच्चों को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि पांच नवजात शिशुओं का इलाज चल रहा है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए जीटीबी अस्पताल ले जाया गया है।

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