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तेजस और शताब्दी ट्रेनों से हट जाएंगे एलसीडी स्क्रीन्स, जानिए क्या है वजह

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अगली बार आप तेजस या शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रा करें तो शायद आपको फिल्म देखने, वीडियो गेम खेलने और गाने सुनने की सुविधा न मिल सके। इसकी वजह यह है कि रेलवे ने इन ट्रेनों के कोचों से एलसीडी स्क्रीन्स को हटाने का फैसला लिया है।

तेजस और शताब्दी ट्रेनों से इन सुविधाओं को हटाये जाने के पीछे यात्रियों को ही दोषी बताया जा रहा है। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक तेजस और शताब्दी से इन सुविधाओं को हटाने की वजह रेलवे की कोई आंतरिक नीति नहीं है, बल्कि यात्रियों की बदसलूकी है।

यात्रियों ने इन एलसीडी स्क्रीन्स को तोड़ दिया है। इनके वायर तोड़ दिए हैं। हैडफोन गायब कर दिए हैं। वहीं पावर स्विच भी निकाल दिए हैं। इसी की वजह से रेलवे ने तेजस एक्सप्रेस और मुंबई-अहमदाबाद शताब्दी में लगे एलसीडी स्क्रीन्स को निकालने का फैसला किया है।

इस एक्सपीरियंस के चलते रेलवे ने यह बड़ा फैसला लिया है। फिलहाल पटरियों पर दौड़ रही तेजस एक्सप्रेस भारत की सबसे अपडेटेड ट्रेनों में से एक है। ट्रेन में ऑटोमेटिक डोर, जीपीएस, फायर स्मोक डिटेकशन सिस्टम, सीसीटीवी इत्यादी जैसी चीजे हैं।

सूत्रों के मुताबिक रेलवे ने अपने सभी जोन्स को इन स्क्रीन्स को हटाने का आदेश दिया है और इस पर काम भी शुरू हो गया है। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया, ‘यह आदेश फरवरी में जारी किया गया था और जोनल रेलवेज की ओर से जल्दी ही इन डिवाइसेज को हटाने का काम शुरू होगा।’

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कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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