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अन्तर्राष्ट्रीय

एआईआईबी के 57 संस्थापक सदस्य देश तय

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बीजिंग | चीन द्वारा प्रस्तावित एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) के संस्थापक सदस्यों के लिए बुधवार को सात और देशों को मंजूरी दिए जाने के बाद 57 देशों के नाम तय हो गए। यह बात चीन के वित्त मंत्री ने कही। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, बुधवार को स्वीडन, इजरायल, दक्षिण अफ्रीका, अजरबेजान, आईसलैंड, पुर्तगाल और पोलैंड को संस्थापक सदस्य के रूप में मंजूरी दी गई।

चीन के उप वित्तमंत्री शी याओबिन ने कहा कि संस्थापक सदस्यों के लिए आवेदन करने की समय सीमा हालांकि समाप्त हो गई है, फिर भी बैंक नए सदस्यों के लिए आवेदन स्वीकार करता रहेगा, क्योंकि एआईआईबी एक खुला और समावेशी बहुपक्षीय विकास बैंक है। बैंक के संस्थापक सदस्यों को नियम बनाने का अधिकार होगा। 31 मार्च के बाद आवेदन करने वाले देशों को साधारण सदस्य माना जाएगा और उन्हें मताधिकार मिलेगा, लेकिन नियम निर्माण में उनकी दखल कम होगी।

बैंक की शुरुआती पूंजी 50 अरब डॉलर होगी और बैंक एशिया में सड़क, रेलवे, हवाईअड्डा तथा अन्य अवसंरचना परियोजनाओं के लिए ऋण देगा। बैंक की स्थापना इस साल के अंत तक होने की संभावना है। अक्टूबर में चीन, भारत और सिंगापुर सहित 21 देशों ने इस बैंक की स्थापना के लिए एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया था।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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