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ऊर्जा मंत्रालय की नीति राज्यों पर न थोपे केंद्र : सीएम
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के बंडलिंग नीति का विरोध किया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया है कि वह इस फैसले को स्थगित करवाएं, क्योंकि इससे प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को अनावश्यक रूप से अधिक विद्युत मूल्य चुकाना होगा।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से यह भी अनुरोध किया है कि ऊर्जा मंत्रालय को इस बात के लिए भी निर्देशित किया जाए कि वह इस योजना को लागू करने से पहले सभी राज्यों से सलाह-मशविरा करे। अखिलेश ने यहां गुरुवार को बताया कि केंद्र सरकार नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाने की दृष्टि से नई सौर विद्युत उत्पादन इकाइयां स्थापित कर रही है। इसके मद्देनजर जो कोयला आधारित विद्युत उत्पादन इकाइयां अपनी उपयोगिता के 25 वर्ष पूरे कर चुकी हैं, उनसे उत्पादित बिजली की बंडलिंग एनटीपीसी द्वारा स्थापित की जा रही सोलर विद्युत के साथ की जाएगी।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने 16 जुलाई को यह नीतिगत निर्णय लिया है और इसकी जानकारी मंत्रालय ने 17 जुलाई को एक पत्र के माध्यम से दी है। इस पत्र के अनुसार, सिंगरौली एसटीपीएस की 1700 मेगावाट बिजली (2000 मेगावाट क्षमता का 85 प्रतिशत) को एनटीपीसी द्वारा उत्पादित 3000 मेगावाट सौर ऊर्जा के साथ बंडलिंग करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को सिंगरौली एसटीपीएस से उत्पादित 2000 मेगावाट विद्युत क्षमता का 44 प्रतिशत अर्थात 754 मेगावाट बिजली मिलती है। एनटीपीसी द्वारा स्थापित किए गए बिजलीघरों में से यह पहला विद्युत उत्पादन प्लांट है और प्रदेश सरकार द्वारा इस प्लांट के लिए भूमि तथा पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की गई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि सिंगरौली एसटीपीएस से मिलने वाली बिजली पावर पर्चेज बास्केट के अंतर्गत सबसे सस्ती बिजली है और इसके चलते उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा खरीदी जा रही बिजली का मूल्य काफी कम हो जाता है। उन्होंने कहा कि यदि 3000 मेगावाट सौर ऊर्जा के साथ इस पारंपरिक ऊर्जा की बंडलिंग लागू की जाती है, तो सिंगरौली एसटीपीएस से मिलने वाली विद्युत का मूल्य काफी बढ़ जाएगा, जिससे उत्तर प्रदेश को बहुत महंगे मूल्य पर बिजली उपलब्ध हो सकेगी। उत्तर प्रदेश के लिए इसका वाणिज्यिक मूल्य सर्वाधिक होगा, क्योंकि इस परियोजना से राज्य ही सबसे ज्यादा लाभान्वित होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि उत्तर प्रदेश महंगी बिजली खरीदने वाले राज्यों में से एक है। ऐसे में यदि बंडल्ड पावर की यह शर्त राज्य पर थोपी जाती है, तो इससे बिजली मूल्यों में अत्यधिक बढ़ोतरी होगी। सिंगरौली विद्युत संयंत्र, जिसकी स्थापना में प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान है, पर यह शर्त लागू होने से राज्य को 1331 मेगावाट अतिरिक्त बिजली अत्यंत महंगे मूल्य (लगभग 7-8 रुपये प्रति यूनिट) के हिसाब से खरीदने पर मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्यों पर उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में घरेलू व अनुदानित श्रेणी की बिजली का मूल्य बढ़ने पर जनता पर इसका गलत प्रभाव पड़ेगा। इसलिए विद्युत मूल्य में कोई भी बढ़ोतरी बिना सलाह-मशविरा के न की जाए। पारंपरिक ऊर्जा के साथ सौर ऊर्जा की बंडलिंग का यह निर्णय राज्य की सहमति के बिना लिया गया है और एकतरफा है।
नेशनल
पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे
श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।
अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।
अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।
नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।
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