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अन्तर्राष्ट्रीय

उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत आज

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सियोल| दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान के शीर्ष वार्ताकार मंगलवार को सियोल में उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम पर चर्चा करने के लिए बैठक करने वाले हैं। इस बैठक में कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु कार्यक्रम को निरस्त करने के लिए छह पक्षों की लंबे समय से लंबित वार्ता बहाल करने के तरीकों पर चर्चा होगी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय के हवाले से कहा कि तीन देशों के राजनयिकों के बीच वार्ता मंगलवार को होगी।

2008 से रुकी हुई निशस्त्रीकरण वार्ता को बहाल करने के लिए बुधवार को ये देश त्रिपक्षीय वार्ता करेंगे।

यह त्रिपक्षीय वार्ता ऐसे समय में होने जा रही है, जब उत्तर कोरिया ने नौ मई को कहा था कि उसने पनडुब्बी से छोड़े जाने वाले एक बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है।

सियोल बैठक के दौरान परमाणु दूत सभी स्तरों पर उत्तर कोरिया के परमाणु मुद्दों पर ठोस प्रगति के लिए विभिन्न तरीकों से गहन विचार-विमर्श करेंगे।

इन वार्ताकारों में कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और सुरक्षा मामलों के विशेष प्रतिनिधि हवांग जून-कूक, उत्तर कोरिया से संबंधित नीति के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि सुंग किम और एशियाई व औशेनियन देशों से संबंधित मामलों के लिए जापानी विदेश मंत्रालय के महानिदेशक जुनिची इहारा शामिल हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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