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‘ई-बुक्स’ यानी किताबों का नया संसार

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भोपाल,भारत डिजिटल इंडिया,किताबें इंटरनेट, 'ई-बुक'

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भोपाल | भारत डिजिटल इंडिया की तरफ बढ़ रहा है और तकनीक हर क्षेत्र में बदलाव ला रही है। अब तो स्कूल से लेकर कॉलेज तक की किताबें इंटरनेट पर उपलब्ध हो रही हैं। यानी ‘ई-बुक’ किताबों का नया संसार है। बड़े शहरों से लेकर सुदूर इलाकों में रहने वाले विद्यार्थियों के लिए अपने पाठ्यक्रम के मुताबिक मनचाही पुस्तक हासिल करना एक बड़ी समस्या रही है, क्योंकि उन्हें उसी लेखक की पुस्तक से अपनी पढ़ाई करनी होती है, जो उनके नजदीक स्थित किताब विक्रेता के पास सुलभ हो। इतना ही नहीं कागज की बढ़ती कीमतों के साथ किताबें भी महंगी हो चली हैं। पढ़ाई के बदलते तरीके और महंगी होती किताबों के बीच देश में ‘ई-बुक्स’ का बाजार जोर पकड़ रहा है। इसकी वजह भी है, देश में लगभग 20 करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल लैपटॉप, कंप्यूटर के जरिए करते हैं, तो 10 करोड़ सेलफोन से। एक तरफ जहां इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढ़ रही है तो दूसरी ओर किताबों की अनुपलब्धता व कीमतों में इजाफा हो रहा है। इसी के चलते ‘ई-बुक्स’ के बाजार को संभावनाओं के पर लग गए हैं।

‘ई-बुक्स’ के क्षेत्र में काम करने वाली ‘कॉपी किताब डॉट कॉम’ के मुख्य तकनीकी अधिकारी अमित श्रीवास्तव ने आईएएनएस कहा कि वे छत्तीसगढ़ के कोरबा के रहने वाले हैं, उनकी प्रारंभिक शिक्षा वहीं हुई, उसके बाद बीएचयू बनारस से आईआईटी की। तब उन्होंने इस बात को महसूस किया कि किताब खरीदना और उसे पाना कितना कठिन है। यही कारण रहा कि उन्होंने ‘ई-बुक्स’ शुरू करने की ठानी। श्रीवास्तव कहते हैं कि आज वे नौवीं से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट तक की ‘ई-बुक्स’ उपलब्ध करा रहे हैं। उनका दावा है कि यह किताबें बाजार में मिलने वाली किताबों के मुकाबले दाम में आधी कीमत की होती हैं। वर्तमान में वे लगभग 60 प्रकाशकों की ‘ई-बुक्स’ उपलब्ध करा रहे हैं। ये ‘ई-बुक्स’ देश के लगभग हर हिस्से के पाठ्यक्रम से 50 से 70 फीसदी तक मेल खाती हैं। ‘ई-बुक्स’ जहां कंप्यूटर पर इंटरनेट की जरिए उपलब्ध है, उसके लिए डिवाइस बनाई है। वहीं टैबलेट व मोबाइल के लिए एप तैयार किया गया है।

भारत विज्ञान सभा के डॉ. एस. आर. आजाद का हालांकि मानना है कि बच्चों को ‘ई-बुक्स’ उपलब्ध कराने से पहले इस पर मंथन होना चाहिए। तकनीक दोधारी तलवार के समान है, ‘ई-बुक्स’ कितनी उम्र के बच्चों को उपलब्ध कराई जाए यह तय हो। उन्हें इस बात का डर भी है कि ‘ई-बुक्स’ बच्चों के नैसर्गिक विकास में बाधक बन सकती है। बच्चा पढ़कर कर सोचने और फिर उत्तर देने की प्रवृत्ति से दूर हो जाएगा और वह ‘कट एंड पेस्ट’ का आदी हो जाएगा। कंप्यूटर के जानकार आशीष शर्मा ‘ई-बुक्स’ को उन विद्यार्थियों के लिए तो ठीक मानते हैं, जिनके पास कंप्यूटर या ऐसा सेलफोन है जिस पर इंटरनेट की सुविधा हो, साथ ही कहते हैं कि उन विद्यार्थियों के तो किताबें ही सहारा रहेंगी जो अपनी माली हालत के चलते मुश्किल से स्कूल या कॉलेज तक पहुंच पाते हैं। दौर बदल रहा है, भारत डिजिटल इंडिया की तरफ बढ़ रहा है और नई पीढ़ी का अंदाज नया है। इस बदलाव के बीच किताबें भी कागज की न होकर कंप्यूटर और मोबाइल पर आ रही हैं। किताबों के इस बदलाव का नई पीढ़ी को कितना लाभ होता है, यह कोई नहीं जानता।

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सामने आई स्वाति मालीवाल की मेडिकल रिपोर्ट, शरीर के इन हिस्सों पर चोट के निशान

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नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट के बाद उनका एम्स में मेडिकल टेस्ट कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट आ गई हैं। रिपोर्ट देखकर पता चलता है कि स्वाति के शरीर पर चार जगह चोट लगी थी। एम्स की रिपोर्ट में सामने आया है कि स्वाति मालीवाल को ‘बाएं पैर के थाइस’ पर 3×2 सेंटीमीटर के आकार की चोट थी और उनके ‘दाहिनी आंख के नीचे दाहिने गाल’ पर 2×2 सेंटीमीटर आकार की एक और चोट थी।

एम्स के डॉक्टर आनंद गंगदेव द्वारा बनाई गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मरीज द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सीएम के आवास पर 13 मई को उनपर परिचित व्यक्ति ने हमला किया था. उन्हें कई बार थप्पड़ मारे गए और उनके सिर पर कठोर वस्तु से हमला किया गया और वह जमीन पर गिर गईं. उनके पेट, पेल्विस और चेस्ट पर पैर से कई बार मारा गया. मरीज फिलहाल जांघ और पेल्विस एरिया में दर्द की शिकायत कर रहा है।

सीएम केजरीवाल के आवास से विभव कुमार गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने सीएम केजरीवाल के आवास से विभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें सिविल लाइन्स थाने लेकर जाया गया है। दिल्ली पुलिस को पहले ही बिभव कुमार के सीएम हाउस में होने का इनपुट मिला था। सूचना के बाद पुलिस टीम में एसएचओ सिविल लाइंस और एडिशनल डीसीपी नॉर्थ सीएम आवास पर पहुंचे थे। सूचना मिलने के बाद एक गाड़ी सीएम हाउस में पहुंची थी। दिल्ली पुलिस की टीम जब सीएम हाउस पर पहुंची तब वहां पर पहले से ही गेट खुले हुए थे। इस गाड़ी को गेट पर नहीं रोका गया और गाड़ी सीधा सीएम हाउस में चली गई। गाड़ी के लिए पहले से सीएम हाउस में मैसेज था। इसके बाद दिल्ली पुलिस की टीम सीधे सीएम हाउस में गई और फिर वहां से बिभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया।

बता दें कि गिरफ्तारी से पहले ही बिभव कुमार ने एक मेल किया था, जिसमें उसने हर जांच के लिए साथ देने की बात कही थी। अपने मेल में बिभव कुमार ने लिखा कि ‘मैं हर जांच में सहयोग को तैयार हूं। मुझे मीडिया के माध्यम से FIR दर्ज होने के बारे में जानकारी हुई। अभी तक मुझे एफआईआर के बाद कोई नोटिस नहीं दिया गया है। मेरी शिकायत पर भी दिल्ली पुलिस संज्ञान ले।’

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