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बिजनेस

इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह के लिए मोबाइल एप शुरू

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नई दिल्ली, 17 अगस्त (आईएएनएस)| भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली के सुचारु कामकाज सुनिश्चित करने के लिए गुरुवार को दो मोबाइल एप की शुरुआत की।

एनएचएआई के एक बयान में कहा गया कि दो एप-माइफास्टैग व फास्टैग पार्टनर की शुरुआत की गई। यह एप इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह के लिए फास्टटैग उपलब्ध कराने का सुविधा देगा। इससे फास्टैग को ऑनलाइन खरीदा या रिचार्ज कराया जा सकेगा।

एनएचएआई के अध्यक्ष दीपक कुमार ने कहा कि फास्टैग की रिचार्ज व खरीद की बोझिल विधि इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह परियोजना के साथ बड़ी चुनौतियों में से एक है।

उन्होंने कहा, आज शुरुआत किए गए मोबाइल एप प्रक्रिया को आसान करेंगे। यह मोबाइल बटन की एक क्लिक पर फास्टैग की खरीद या रिचार्ज को आसान बनाएंगे।

माइफास्टैग एक उपभोक्ता एप है, जहां कोई भी फास्टैग को खरीद या रिचार्ज कर सकता है, जबकि फास्टैग पार्टनर एक व्यापारिप एप है।

एनएचएआई के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि एक अक्टूबर से देश के सभी 371एनएचएआी के टोल प्लाजा लेन को इसके लिए सक्षम बनाया जाएगा।

उन्होंने कहा, हर टोल प्लाजा में एक लेन फास्टैग लेन को समर्पित होगी, जहां दूसरे किसी तरह का भुगतान स्वीकार नहीं होगा। दूसरी लेन भी फास्टैग को समक्ष होंगी व दूसरे तरीकों से भी भुगतान स्वीकार कर सकती हैं।

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बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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