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अन्तर्राष्ट्रीय

इराकी कुर्दिस्तान में ऐतिहासिक जनमत संग्रह शुरू

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बगदाद, 25 सितम्बर (आईएएनएस)| इराकी कुर्दो ने सोमवार को विवादास्पद स्वंतत्रता जनमत संग्रह के लिए हो रहे मतदान में वोट डालना शुरू कर दिया है। इस चुनाव के मद्देनजर बगदाद में सरकार और देश के सबसे बड़े जातीय समूह के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, मतदान सोमवार सुबह छह बजे शुरू हुआ और यह शाम छह बजे तक चलेगा। मतदान का पहला परिणाम चुनाव समाप्त होने के 72 घंटे के अंदर आएगा।

मतदाताओं को क्षेत्र को स्वतंत्र राज्य बनाने के लिए पूछे गए प्रश्न का ‘हां’ या ‘ना’ में जवाब देना है। प्रश्न को कुर्दिश, अरबी, तुर्कमेन और असीरियन में अनुवादित किया गया है।

उत्तरी इरान में अर्धस्वायत क्षेत्र की प्रशासनिक कमान संभाल रहे कुर्दिस्तान रिजनल गवर्मेट (केआरजी) ने कहा कि जनमत संग्रह हमें इराक से स्वतंत्र होने के लिए बहुमत दिलाएगा।

मतदान पेटी को किरकुक शहर के साथ इराकी कुर्दिश क्षेत्र में सभी जगह पर मत डालने के लिए लगाया है। किरकुक शहर पर केआरजी और इराकी सरकार दोनों दावा करते हैं।

इरान ने रविवार को केआरजी की ओर से जनमत संग्रह की घोषणा की कई बार निंदा करते हुए स्वायत कुर्दिस्तान क्षेत्र के लिए अपने वायु क्षेत्र को बंद कर दिया था।

सीएनएन की रपट के अनुसार, ईरान और तुर्की दोनों देशों में कुर्दिश अल्पसंख्यों की काफी संख्या है और इराक में जनमत संग्रह के लिए हो रहे मतदान के बाद दोनों देश भी अपने देशों में कुर्दिशों द्वारा अभियान चलाने को लेकर चिंतित हैं।

तुर्की के विदेश मंत्री ने एक बयान जारी कर इस जनमत संग्रह को अवैध, निर्थक और अमान्य बताया।

मंत्रालय ने चेतावनी देते हुए कहा कि कट्टरपंथी तत्व और आतंकवादी इस स्थिति का फायदा हमारे देश की सुरक्षा व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए उठा सकते हैं, इसलिए हमें इससे बचने के लिए एहतियातन कानूनी सतर्कता बरतनी पड़ेगी।

अमेरिका, ब्रिटेन और संयुक्त राष्ट्र ने भी इस जनमत संग्रह से आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) के खिलाफ अभियान को नुकसान पहुंचने के लिए आरकेजी को चेतावनी दी है।

कुर्दिश प्रवासियों ने 23 सितम्बर को जनमत संग्रह के लिए इलेक्ट्रोनिक मतदान शुरू किए थे। चुनाव आयोग के अनुसार, लगभग 150,000 कुर्द विदेशों से मतदान करेंगे।

इराकी कुर्दिस्तान को 1990 के शुरूआत से स्वायत्ता का अधिकार मिला हुआ है जिसके आधार पर 2005 में इराक को संघीय राज्य का दर्जा दिया गया।

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अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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