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अन्तर्राष्ट्रीय

इबोला से निपटने में 5 करोड़ डॉलर देगा ब्रिटेन

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लंदन | ब्रिटिश सरकार ने नवस्थापित एक इबोला कोष में लगभग 3.3 करोड़ पाउंड यानी लगभग 5.00 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद का वादा किया है। बीबीसी ने सोमवार को यह जानकारी दी। इस धनराशि का इस्तेमाल तीन पश्चिम अफ्रीकी देशों -गिनी, लाइबेरिया और सिएरा लियोन- में इबोला से लोगों के बचाव में किया जाएगा।

चांसलर जॉर्ज ऑसबॉर्न के मुताबिक, ब्रिटेन इस कोष में आर्थिक मदद का वादा करने वाला पहला देश है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इबोला से निपटने के लिए ब्रिटेन हमेशा ही आगे रहा है। ब्रिटेन इस दिशा में धनराशि मुहैया कराने, पीड़ितों की देखभाल के लिए उपकरणों से लेकर दक्ष सहायताकर्मियों को उपलब्ध कराने और महामारी को नियंत्रित करने में प्रमुख भूमिका निभा रहा है।

मानवी त्रासदियों के साथ ही इस संक्रमण से गिनी, लाइबेरिया और सिएरा लियोन की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। गौरतलब है कि इस कोष की स्थापना अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पिछले सप्ताह की थी। इस कोष के तहत आईएमएफ अपने मौजूदा संसाधनों से नई आपदा रोकथाम एवं राहत न्यास को धन मुहैया कराएगा। दिसंबर 2013 से लेकर अब तक इबोला से लगभग 9,000 लोगों की मौत हो चुकी है।

अन्तर्राष्ट्रीय

इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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