अन्तर्राष्ट्रीय
आस्ट्रेलिया का पूर्व कैदी से माफी मांगने से इंकार
केनबरा| अमेरिका ने ग्वांटानामो के एक कैदी को आतंकवाद में मदद करने के दोष से मुक्त कर दिया है, फिर भी आस्ट्रेलिया सरकार ने शुक्रवार को कैदी डेविड हिक्स से माफी मांगने से इंकार कर दिया। समाचार एजेंसी के मुताबिक, ग्वांटानामो खाड़ी में 2002 से 2007 तक पांच साल कैद रहे हिक्स को अफगानिस्तान में गिरफ्तार किया गया था और उसे सैन्य आयोग अधिनियम के तहत गलत तरीके से दोषी करारा दिया गया था। गुरुवार को अमेरिका द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि हिक्स की गिरफ्तारी के समय उस पर लगाए गए आरोप सही नहीं थे।
इस स्पष्टीकरण के बाद हिक्स के पिता ने सजा का समर्थन करने वाली आस्ट्रेलियाई और अमेरिकी सरकारों से हिक्स से माफी मांगने की मांग की थी।
लेकिन आस्ट्रेलिया ने तुरंत इस प्रस्ताव खारिज कर दिया ।
प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने कहा कि वह हिक्स से माफी नहीं मांगेंगे।
आस्ट्रेलिया के अटार्नी जनरल जॉर्ज ब्रांडिस ने हिक्स के अफगानिस्तान में होने के उद्देश्यों पर सवाल उठाए और अमेरिकी सरकार द्वारा किए गए फैसले को चुनौती दी।
ब्रांडिस ने कहा, “हिक्स ने कई बार स्वीकार किया था कि उसने अफगानिस्तान में मिलीशिया और अलकायदा जैसे आतंकवादी संगठनों से प्रशिक्षण लिया था और वह ओसामा बिन लादेन से कई बार मिला था और उसे अपना भाई मानता था।”
इस बीच आस्ट्रेलिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री जॉन हॉवर्ड ने कहा, “आस्ट्रेलिया की सरकार हिक्स से माफी नहीं मांगती।”
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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