अन्तर्राष्ट्रीय
मरीना टावर में भीषण आग पर काबू पाया गया
दुबई। दुनिया की सबसे ऊंची इमारतों में से एक दुबई के मरीना जिला स्थित ‘द मरीना टॉर्च’ में शनिवार को लगी आग पर काबू पा लिया गया है। यह इमारत 1,105 फुट ऊंची है और इसमें 79 मंजिले हैं। इसमें रहने वाले लोगों के अनुसार, आग 50वीं मंजिल पर लगी।
‘गल्फ न्यूज’ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अग्निशमन दल के कर्मचारी जल्द ही घटनास्थल पर पहुंच गए और आग पर काबू पा लिया गया। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि इमारत के दोनों ओर से आग की लपटें देखी गई, जिसके बाद खिड़कियों में लगे शीशे टूटकर नीचे गिर गए। हवा के तेज झोंकों के कारण समस्या और बढ़ गई। घटनास्थल के आसपास की सड़कों पर मलबा गिरने की आशंका के मद्देनजर इमारत के दो किलोमीटर के दायरे में आने वाली सड़कों को बंद कर दिया गया और यातायात के मार्ग बदल दिए गए।
मरीना जिले की इस ऊंची इमारत में लगी आग के बाद आसपास की अन्य इमारतों को भी खाली करा लिया गया, जहां हजारों की तादाद में लोग रहते हैं। इस अग्निकांड में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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