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आरोपों के घेरे में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के पति
भोपाल। केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी के पति जुबिन फरदून ईरानी और उनके सहयोगी पुष्पेंद्र सिंह पर मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के पास कथित तौर पर सरकारी जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगा है। यह आरोप एक स्कूल के प्रधान अध्यापक ने लगाया है।
मंत्री स्मृति ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर वस्तुस्थिति से अवगत कराने का अनुरोध किया है। सूत्रों के अनुसार, मानपुर तहसील के कुचवाही गांव में मार्केज हॉस्पिटैलिटी हेरिटेज नामक कंपनी ने पांच एकड़ जमीन खरीदी है। इस कंपनी के निदेशक केंद्रीय मंत्री के पति जुबिन हैं। स्कूल के प्रधान अध्यापक ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने फेंसिंग करके स्कूल की जमीन पर भी कब्जा कर लिया है।
जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया, “मुझे मीडिया के जरिए मार्केज हॉस्पिटैलिटी हेरिटेज द्वारा जमीन खरीदे जाने के बारे में पता चला है, जांच के लिए टीम बनाएंगे। इस मामले को लेकर कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी का भी पत्र आया है, जिसमें उन्होंने वस्तुस्थिति का पता लगाने का अनुरोध किया है।”
सूत्रों का कहना है कि 1956 से खसरा नंबर 75 की ढाई एकड़ जमीन स्कूल के नाम दर्ज है, वहीं स्कूल से लगी पांच एकड़ जमीन किसी हजारी बानी के नाम दर्ज है, वह कई वर्षों से लापता है, उसका कोई वारिस नहीं है। यह जमीन स्कूल को आवंटित किए जाने की मांग 1998 से ही चल रही है। मामला फाइलों में दबा है।
प्रधान अध्यापक का आरोप है कि एक व्यक्ति हजारी बानी का फर्जी वारिस बनकर सामने आ गया और कंपनी से जमीन का सौदा कर लिया। कंपनी ने फेंसिंग करके स्कूल की जमीन पर भी कब्जा कर लिया है।
स्मृति ईरानी अप्रैल के अंत में बांधवगढ़ घूमने आई थीं, तब भी कई तरह की चर्चाओं ने जोर पकड़ा था, मगर उनके लौटने के तीन दिन बाद ही जमीन खरीदे जाने और स्कूल की जमीन पर कब्जे के मामले ने तूल पकड़ लिया।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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