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अन्तर्राष्ट्रीय

आबे ने पर्ल हार्बर का दौरा किया, माफी नहीं मांगी

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आबे ने पर्ल हार्बर का दौरा किया, माफी नहीं मांगी

वाशिंगटन । जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने पर्ल हार्बर का दौरा किया, जहां द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जापान ने आक्रमण कर दिया था और इस हमले में 2,400 से अधिक लोगों की जान गई थी। आबे ने हालांकि अमेरिकी नौसैनिक अड्डे पर द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान हुए हमले के लिए माफी नहीं मांगी।

जापान सरकार ने आबे के दौरे को सुलह दौरे के रूप में पेश किया है। इसका उद्देश्य अमेरिका के भावी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के साथ संबंधों की अनिश्चितताओं के बीच जापान-अमेरिका संबंधों को मजबूत बनाना है।

आबे मंगलवार को पर्ल हर्बर के यूएएस अरिजोना स्मारक पर पहुंचने के बाद ‘पूरी तरह मौन’ रहे। उन्होंने हालांकि माना कि अमेरिका और जापन के बीच भयावह युद्ध लड़ा गया। उन्होंने हमले में मारे गए अमेरिकी जवानों के प्रति संवेदना प्रकट की, लेकिन माफी नहीं मांगी।

गौरतलब है कि सात दिसंबर 1971 को जापान के 350 से अधिक विमानों ने अमेरिकी नौसैनिक अड्डे पर हमला कर दिया था जिसमें 2,403 अमेरिकी मारे गए थे, लगभग 20 जहाज डूब गए थे या क्षतिग्रस्त हो गए थे और 300 से अधिक विमान नष्ट हो गए थे।

इस हमले से अमेरिका सदमे में था और बाद में प्रत्यक्ष रूप से द्वितीय विश्वयुद्ध में शामिल हो गया था।

पर्ल हार्बर हमले के जवाब में अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम हमले किए, जिसके बाद जापान ने 15 अगस्त, 1945 को आत्मसमर्पण कर दिया।

आबे का पर्ल हार्बर का दौरा अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के हिरोशिमा दौरे के लगभग छह महीने बाद हुआ है।

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इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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