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आप की कहानी बदली, 100 नेताओं ने झाड़ू का साथ छोडक़र हाथ थामा

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अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) को तगड़ा झटका लगा है। गुजरात में कई बड़े चेहरों के साथ पार्टी के करीब 100 नेताओं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। इनमें आप की महिला विंग की अध्यक्ष वंदना पटेल और 2014 के लोकसभा चुनाव में लाल कृष्ण आडवाणी के खिलाफ चुनाव लडऩे वाले ऋतुराज मेहता भी
शामिल हैं।

लाल कृष्ण आडवाणी ने गांधीनगर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था। वंदना ने भी लोकसभा चुनाव महेसाणा सीट से लड़ा था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात प्रदेश प्रवक्ता मनीष दोषी ने बताया कि वंदना और ऋतुराज मेहता सहित आप के करीब 100 कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी के समक्ष कांग्रेस में शामिल हुए हैं।

यह कदम जहां आप के लिए एक झटका है। वहीं, कांग्रेस के लिए खुश होने की वजह है। आम आदमी पार्टी के 100 नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने से उसकी ताकत बढ़ी है। गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी काफी सक्रिय नजर आ रही है।

इससे पहले गुजरात के ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर ने भी कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी। इसके अलावा कई पाटीदार नेताओं को भी कांग्रेस ने पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि हार्दिक पटेल सहित कई पाटीदार नेता कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं। अटकलें यह भी लगाई जा रही है कि आप के कई और कार्यकर्ता भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।

गुजरात में 22 साल से भारतीय जनता पार्टी की सरकार काबिज है। लेकिन इस बार कांग्रेस और भाजपा में कड़ी टक्कर देखने के आसार जताए जा रहे हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी पूरी ताकत गुजरात विधानसभा चुनाव में लगा रखी है। वे गुजरात में काफी सक्रिय हैं और नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार पर ‘विकास’ के मुद्दे को लेकर निशाना साध रहे हैं।

बता दें, आम आदमी पार्टी ने गुजरात में 182 विधानसभा सीटों में से 150 सीटों पर चुनाव लडऩे का फैसला किया था। आप ने करीब दर्जनभर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा भी कर दी थी। गुजरात में 4 और 14 दिसंबर को दो चरणों में विधानसभा चुनाव है। गुजरात के साथ ही 9 नवंबर को हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव है। दोनों राज्यों के चुनाव का परिणाम 18 दिसंबर को जारी कर दिया जाएगा।

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जेल से बाहर आएंगे अरविंद केजरीवाल, 1 जून तक के लिए मिली अंतरिम जमानत

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। 2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा। केजरीवाल आज ही तिहाड़ से बाहर आएंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल पर चुनाव प्रचार को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ये आदेश पारित किया है। केजरीवाल को जमानत लोकसभा चुनाव के चलते दी गई है। हालांकि कोर्ट में ईडी ने इसका विरोध किया और कहा कि ये संवैधानिक अधिकार नहीं है।

अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से 5 जून तक की जमानत की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने कहा- “हमें कोई समान लाइन नहीं खींचनी चाहिए। केजरीवाल को मार्च में गिरफ़्तार किया गया था और गिरफ़्तारी पहले या बाद में भी हो सकती थी। अब 21 दिन इधर-उधर से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 2 जून को अरविंद केजरीवाल सरेंडर करेंगे।”

बीते गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने केजरीवाल की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था। ईडी ने हलफनामे में कहा था कि चुनाव प्रचार करना कोई मौलिक अधिकार नहीं है। वहीं, दूसरी ओर ईडी के हलफनामे पर केजरीवाल की लीगल टीम ने कड़ी आपत्ति जताई थी। हालांकि, ईडी की सभी दलीलों को दरकिनार करते हुए अदालत ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है।

 

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