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आतंकी अफजल गुरु के बेटे ने किया कमाल, बढ़ाया परिवार का मान
श्रीनगर। अफजल गुरु के बेटे और बुरहान वानी के भाई ने अपने परिवार के साथ घटित दुखद घटनाओं को पीछे छोड़ते हुए 12वीं कक्षा की परीक्षा में शानदार अंक लाकर अपने-अपने परिवार का मान बढ़ाया है। संसद पर हमले के लिए फांसी पर चढ़ चुके अफजल गुरु के बेटे गालिब ने 88 प्रतिशत अंक के साथ 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। गालिब ने दसवीं की परीक्षा में भी 95 प्रतिशत अंक अर्जित किया था।
सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के भाई नवेद वानी ने भी डिस्टिंक्शन के साथ 12वीं की परीक्षा पास की है। जम्मू एवं कश्मीर बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन ने बुधवार को 12वीं के परिणाम घोषित किए। बुरहान की बहन ने भी वर्ष 2016 में 449 अंक हासिल कर डिस्टिंक्शन के साथ 12वीं की परीक्षा पास की थी।
गालिब ने कहा कि इस अवसर पर वह अपने पिता अफजल गुरु को सबसे अधिक मिस कर रहा है क्योंकि वह होते तो बहुत खुश होते। गालिब ने कहा कि उसके पिता का सपना था कि वह डाक्टर बने और पिता के सपने को पूरा करने के लिए अब वह राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में सफलता हासिल करना चाहता है।
अफजल गुरु भी पहले मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था लेकिन उसने इसे बीच में ही छोड़ दिया था। अफजल को भारतीय संसद पर हमला करने के जुर्म में 2013 में दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई थी।
बुरहान 8 जुलाई 2016 को दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था जिसके बाद घाटी में फैली हिसा में लगभग 100 लोग मारे गए थे और 200 अन्य घायल हो गए थे।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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