प्रादेशिक
आगरा-मथुरा के बीच एमपी के वित्तमंत्री से ट्रेन में लूटपाट
भोपाल। मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया और उनकी पत्नी डॉ. सुधा मलैया को जबलपुर से हजरत निजामुद्दीन जाने वाली ट्रेन में लूटपाट का शिकार बनना पड़ा। मलैया परिवार ने अपने साथ हुई घटना की निजामुद्दीन स्टेशन पर रेलवे पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। मलैया दंपति ट्रेन के वातानुकूलित प्रथम श्रेणी में बुधवार-गुरुवार की रात दमोह से दिल्ली जा रहे थे। गाड़ी जब आगरा-मथुरा के बीच थी, तभी कुछ लुटेरे आए और उन्होंने चाकू दिखाकर नकदी व जेवरात लूट लिए। लुटेरों की संख्या 12 बताई जा रही है। कूपे में वित्तमंत्री मलैया ऊपर की बर्थ पर और उनकी पत्नी नीचे की बर्थ पर थीं।
लुटेरों को सबक न सिखा पाने का मलाल
वित्तमंत्री जयंत मलैया की पत्नी डॉ. सुधा मलैया ने इस बात पर मलाल भी जताया कि ‘वह लुटेरों को सबक सिखाना चाहती थीं, मगर कुछ कर नहीं पाईं।’ डॉ. सुधा मलैया ने बताया, “लुटेरे लगातार गालियां दिए जा रहे थे। मैंने न केवल विरोध किया, बल्कि कई बार डांटा भी, मुझे उनसे कोई डर नहीं लग रहा था।” उन्होंने बताया, “लुटेरों ने पहले बैग से नकदी निकाली, उसके बाद मुझसे हाथ की अंगूठियां उतारने को कहा, जब एक अंगूठी नहीं उतर रही थी तो एक लुटेरे ने यहां तक कह दिया कि उंगली ही काट लो। तभी दूसरा बोला, चलो छोड़ो। इन लुटेरों के हाथ में बका (जानवर काटने वाला औजार) था।”
डॉ. मलैया कूपे की निचली बर्थ पर सो रही थीं, जबकि उनके पति ऊपर की बर्थ पर थे। जब ट्रेन आगरा और मथुरा के बीच थी, तभी लुटेरों ने इस डिब्बे पर धावा बोला। उस समय सुबह के लगभग चार बजे होंगे। उन्होंने बताया, “सुबह के समय अचानक किसी ने मेरे कूपे के दरवाजे को जोर जोर से खटखटाया। कुछ देर बाद दोबारा फिर उसी तरह से खटखटाए जाने पर मैंने उठकर दरवाजा खोल दिया। तभी लुटेरे कूपे में घुस आए और लूटपाट शुरू कर दी।” डॉ. मलैया ने बताया, “मेरा मन तो लुटेरों से टकराने का कर रहा था, मगर परिवार के साथ होने और परिस्थितियों के चलते मैं ऐसा नहीं कर पाई, इस बात का मुझे मलाल है।” उन्होंने बताया कि लुटेरे किसी गिरोह के लग रहे थे, जो योजनाबद्ध तरीके से लूटपाट करने आए थे। उन्होंने मौका पाकर कोसीकलां के पास चेन खींचकर गाड़ी रोकी और उतर गए। जहां गाड़ी रुकी, वहां घना जंगल था।
आरपीएफ के जवानों ने गाड़ी के रुकने पर इसकी वजह जानी और वातानुकूलित डिब्बे तक आए। इन जवानों ने सजगता व सतर्कता दिखाई जिससे बड़ी वारदात होने से बच गई, मगर लुटेरों पर गोली न चलने पर उन्हें नाराजगी भी है। मलैया दंपति ने निजामुद्दीन पहुंचकर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। वह कहती हैं कि सरकार को यात्रियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। देश को बुलेट ट्रेन से पहले यात्रियों की सुरक्षा की जरूरत है।
उत्तर प्रदेश
योगी कैबिनेट ने दी नई स्थानांतरण नीति 2024-25 को मंजूरी
लखनऊ। योगी सरकार ने मंगलवार को 2024-25 के लिए नई स्थानांतरण नीति को मंजूरी दे दी है। इस नीति के तहत समूह क और ख के उन अधिकारियों का स्थानांतरण किया जा सकेगा, जिन्होंने जनपद में 3 वर्ष और मंडल में 7 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। वहीं समूह ग और घ में सबसे पुराने अधिकारियों का स्थानांतरण किया जाएगा। समूह क और ख के अधिकारियों के स्थानांतरण के लिए अधिकतम 20 प्रतिशत तो वहीं समूह ग और घ के लिए अधिकतम 10 प्रतिशत की सीमा रखी गई है। इस स्थानांतरण नीति के तहत सभी स्थानांतरण आगामी 30 जून तक किए जाने हैं। मंगलवार को सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक कुल 42 प्रस्ताव रखे गए, जिनमें 41 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
सीमा से अधिक स्थानांतरण के लिए लेनी होगी मंजूरी
कैबिनेट बैठक में पारित प्रस्तावों के विषय में जानकारी देते हुए वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि कैबिनेट ने स्थानांतरण नीति 2024-25 को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस नीति में पिछले वर्ष की नीति के प्राविधानों का अनुसरण किया गया है। इसके तहत समूह क और ख के वो अधिकारी जिन्होंने अपने सेवाकाल में मंडल में 7 वर्ष और जनपद में 3 वर्ष पूरे कर लिए हों वो स्थानांतरण नीति के अंतर्गत आएंगे। इसके साथ ही समूह क और ख में स्थानांतरण संवर्ग वार अधिकारियों की संख्या अधिकतम 20 प्रतिशत होगी और समूह ग और घ के लिए अधिकतम सीमा 10 प्रतिशत रखी गई है। उन्होंने बताया कि समूह ग और घ के लिए जो व्यवस्था की गई है उसके अनुसार सबसे पुराने अधिकारियों का पहले स्थानांतरण किया जाएगा। यदि 10 प्रतिशत से ऊपर स्थानांतरण करना होगा तो इसके लिए मंत्री जी की अनुमति आवश्यक होगी। वहीं, यदि समूह क और ख में 20 प्रतिशत से अधिक स्थानांतरण करने की आवश्यकता होगी तो उसकी अनुमति मुख्यमंत्री जी से लेना आवश्यक होगा।
मानव संपदा के माध्यम से डिजिटाइज होगा स्थानांतरण
उन्होंने बताया कि समूह ग और घ में स्थानांतरण को पूरी तरह मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से पूर्ण किया जाएगा। मानव संपदा की जो व्यवस्था शुरू की गई है उसके अंतर्गत स्थानांतरण के बाद कार्यभार मुक्ति और ग्रहण करने की व्यवस्था ऑनलाइन ही की जा सकेगी। इससे अधिकारियों की सर्विस बुक और सैलरी को डिजिटाइज किया जा सकेगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि प्रदेश के 8 आकांक्षी जिलों और 34 जिलों के 100 आकांक्षी विकासखंडों के लिए पहले से जो व्यवस्था चली आ रही है, उसके अंतर्गत वहां रिक्त पड़े पदों को भरने की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।
एक दिन पूर्व रिटायर होने वाले कर्मचारियों को मिलेगा वेतन वृद्धि का लाभ
कैबिनेट ने प्रदेश के लाखों सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है। इसके अनुसार अब 30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले सरकारी कर्मचारियों को एक जुलाई और एक जनवरी से प्रस्तावित वेतन वृद्धि का लाभ मिल सकेगा। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि अभी तक जो व्यवस्था थी उसके अनुसार 30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले कर्मचारियों को एक जुलाई या एक जनवरी को प्रस्तावित वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिल पाता था। हालांकि अब कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है। इससे कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का लाभ उनकी पेंशन और ग्रेचुयुटी में मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के बाद ज्यूडिशियल कर्मचारियों को पहले ही इसका लाभ दिया जा चुका है और अब सरकारी कर्मचारी भी इससे लाभान्वित हो सकेंगे।
विश्वविद्यालयों के नामों में संशोधन, 2 निजी विश्वविद्यायलों को एलओआई
योगी सरकार ने प्रदेश के 5 विश्वविद्यालयों के नामों में भी मामूली संशोधन किया गया है। स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार इन विश्वविद्यालयों के नाम से राज्य शब्द को हटाया गया है। महाराज सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ का नाम अब महाराज सुहेलदेव विश्वविद्यालय आजमगढ़ होगा। इसी तरह मां शाकुम्भरी देवी राज्य विश्वविद्यालय सहारनपुर, मां विंध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय मीरजापुर, मां पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय बलरामपुर से भी राज्य शब्द को हटाने को मंजूरी दी गई है। वहीं, उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय मुरादाबाद का नाम गुरु जंबेश्वर विश्वविद्यालय मुरादाबाद करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि प्रदेश सरकार उच्च शिक्षा का विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि प्रदेश के छात्र अपने ही प्रदेश में उच्च शिक्षा गृहण कर सकें। इसके लिए सरकारी विश्वविद्यालयों के साथ ही प्राइवेट विश्वविद्यालय को भी प्रमोट किया जा रहा है। इसी क्रम में दो नए निजी विश्वविद्यालयों को लेटर ऑफ इंटेंट देने का प्रस्ताव पारित हुआ है। इसमें एचआरआईटी गाजियाबाद और दूसरा फ्यूचर विश्वविद्यालय बरेली है। इन दोनों ने अपने सभी मानक पूरे कर लिए हैं।
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