Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

आईएसएस रवि की मौत की जांच सीबीआई करेगी

Published

on

सीआईडी, सीबीआई, सिद्धारमैया, भाजपा, जनता दल, सोनिया गांधी, कांग्रेस, वाणिज्यिक कर विभाग

Loading

बेंगलुरू| भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी डी.के. रवि की मौत की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) करेगा। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को राज्य विधानसभा में इसकी घोषणा की। रवि का शव 16 मार्च को उनके घर में फांसी के फंदे से लटकता पाया गया था। रवि की मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग को पहले राज्य सरकार ने ठुकरा दिया था। 17 मार्च से ही विपक्षी पार्टियां और आईएएस अधिकारी के परिजन उनकी मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे थे। सिद्धारमैया ने विधानसभा में विधायकों से कहा कि वह रवि के परिजनों की भावनाओं को देखते हुए इस मामले को सीबीआई को सौंप रहे हैं। उन्होंने कहा कि रवि की रहस्यमय मौत से उनके परिजन पूरी तरह टूट चुके हैं।

विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (सेक्युलर) द्वारा जारी हंगामे के बीच सिद्धारमैया ने कहा, “मैं रवि के माता-पिता (गौरम्मा और करियप्पा) की भावनाओं को समझता हूं, और जनता की भावनाओं का सम्मान करता हूं। जैसा कि उनकी मांग है, उनके बेटे की मौत के कारणों की जांच सीबीआई करेगी।” 36 वर्षीय रवि शहर के पॉश दक्षिणपूर्वी उपनगर में स्थित अपने अपार्टमेंट के कमरे में पंखे से लटके हुए मिले थे। सबसे पहले उन्हें उनकी पत्नी कुसुमा ने देखा था।

शहर के पुलिस आयुक्त एम.एन. रेड्डी ने कहा था कि घटनास्थल से प्राप्त साक्ष्यों और प्रारंभिक जांच से प्रतीत होता है कि रवि ने आत्महत्या की है। राज्य सरकार ने 17 मार्च को मामले की सीआईडी (अपराध जांच विभाग) जांच के आदेश दिए थे। वर्ष 2009 बैच के अधिकारी रवि दिसंबर, 2014 से शहर में वाणिज्यिक कर विभाग के अतिरिक्त आयुक्त थे। उन्हें कोलार जिले से उपायुक्त के पद से स्थानांतरित कर यहां भेजा गया था, जहां रेत व भू माफिया के खिलाफ कार्रवाई को लेकर उनकी ईमानदार अधिकारी की छवि बन गई थी। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (सेक्युलर) 17 मार्च से ही इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर विधानमंडल में हंगामा कर रहे थे, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित रही। इसे देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 20 मार्च को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को मामले की जांच सीबीआई से कराने का सुझाव दिया था, जिसके तीन दिन बाद यह फैसला किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार किसी मामले को रफा दफा करने अथवा किसी को बचाने का प्रयास नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि अपने बेटे की रहस्यमय तरीके के हुई मौत के मामले में रवि के माता-पिता द्वारा लगाए गए ‘गड़बड़ी’ के आरोपों की भी सीबीआई जांच करेगी। सिद्धारमैया ने कहा, “मौत के मामलों में राजनीति नहीं होनी चाहिए। हम इस पर भरोसा नहीं करते। विपक्ष को भी ऐसा नहीं करना चाहिए।” कर्नाटक उच्च न्यायालय ने रविवार शाम रवि की मौत के संबंध में सीआईडी की अंतरिम रपट सार्वजनिक करने पर रोक लगा दी थी, जिसके कारण मुख्यमंत्री सदन के पटल पर इसे नहीं रख पाए।

प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

Published

on

Loading

अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

Continue Reading

Trending