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अन्तर्राष्ट्रीय

आइफा अवार्ड में दिखेगी मलेशिया की असली छवि

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कुआलालंपुर। भारतीय हिंदी फिल्म जगत की चमक से सराबोर, बॉलीवुड सितारों से सजी और रंगारंग कार्यक्रम के बीच भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म अकादमी (आइफा) अवार्डस समारोह का 16वां संस्करण मलेशिया में 13 सालों के बाद फिर से अपनी छटा बिखेरने को तैयार है।

आइफा अवार्ड्स की आयोजक कंपनी ‘विजक्राफ्ट इंटरनेशनल एंटरटेनमेंट’ ने जब 2002 में पहली बार मलेशिया में इसका आयोजन किया था, तब उन्हें 6,000 दर्शकों के आने की उम्मीद थी और अब पांच से सात जून के बीच 13 वर्षों बाद यह आयोजन मलेशिया में दोबारा होने जा रहा है तो उन्हें उम्मीद है कि पुत्रा स्टेडियम में इसे देखने के लिए 13 से 14 हजार दर्शक आ सकते हैं। विजक्राफ्ट के निदेशक सब्बास जोसेफ ने कहा, “जब हम 2002 में पहली बार यहां आए थे तो मलेशिया आज से बिल्कुल अलग था। अब 2015 में मलेशिया काफी बदल चुका है, हम बदल चुके हैं..दोनों ही बेहतर, व्यवस्थित, आधुनिक और पहले से अधिक आकर्षक हुए हैं। इसलिए इस बार यह आयोजन पहले से कहीं भव्य, सम्मोहक और विशालता लिए हुए होगा।”

हर साल विदेशी धरती पर होने वाले तीन दिवसीय आईफा अवार्ड्स की शुरुआत 2000 में ब्रिटेन के ग्रीनविच से हुई। उस समय इसके आयोजन पर 20 लाख रुपये का मामूली खर्च आया था। जोसेफ ने बताया कि 2011 में आइफा अवार्ड्स पर अपने पहले संस्करण से ‘1,000 फीसदी’ अधिक खर्च आया था और इस वर्ष तो इसके ‘5,000’ गुना अधिक होने की उम्मीद है। इसी से पता चलता है कि आइफा अवार्ड्स-2015 कितना भव्य होने वाला है।

जोसेफ ने कहा कि पहले संस्करण से इसकी तुलना करना सही नहीं होगा। तब हम सिर्फ 6,000 दर्शकों की उम्मीद कर रहे थे और हमें बुकिंग शुरू होने के शुरुआती तीन घंटों में उतने दर्शक मिल गए थे। तब वह जेंटिंग हाइलैंड्स में था, जबकि यह कुआलालंपुर है। दोनों ही शहर एकदूसरे से बिल्कुल अलहदा हैं।

जोसेफ और विजक्राफ्ट के ही आंद्रे टिमिंस यहां बॉलिवुड सितारे अनिल कपूर और बिपाशा बसु के साथ कुआलालंपुर को आईफा वीकेंड एंड अवार्ड्स का मेजबान घोषित करने आए हुए थे। जोसेफ ने कहा कि बॉलीवुड के रंगों में रंगे इस कार्यक्रम में मलेशिया की खुशबू भी मिली रहेगी। जोसेफ ने कहा, “आपको यहां मलेशिया की भरपूर स्थानीय संस्कृति एवं कला देखने को मिलेगी, जिसमें ड्रैगन्स, इस्ताना बुदाया नर्तकों की प्रस्तुतियां शामिल होंगी। इसके अलावा मलेशिया के और भी कई पहलू देखने को मिलेंगे, जिसमें यहां का मशहूर आतिथ्य सत्कार भी शामिल रहेगा।”

आयोजन पुत्रा स्टेडियम में होगा और आयोजकों को इसके हाउसफुल रहने की उम्मीद है। तीन दिनों के इस आयोजन में पहली रात्रि फैशन और संगीत को समर्पित ‘आइफा रॉक’ होगी, जबकि दूसरी रात्रि बॉलीवुड की आने वाली फिल्मों के नाम होगा। अवार्ड्स समारोह वाली तीसरी रात्रि के साथ इसका समापन होगा, जिसमें बॉलिवुड हस्तियां अपनी रंगारंग प्रस्तुतियां पेश करेंगी।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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