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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका में फोन डेटा संग्रह कार्यक्रम बंद

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वाशिंगटन| अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) ने टेलीफोन डेटा संग्रह का विवादास्पद कार्यक्रम बंद कर दिया है। इस कार्यक्रम का पर्दाफाश एजेंसी के पूर्व कर्मचारी और व्हिसल ब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन ने किया था। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, एनएसए निगरानी का समापन एक नए कानून यूएसए फ्रीडम एक्ट के लागू होने के बाद हुआ है। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इसे जून में मंजूरी दी थी। यह रविवार से लागू हो गया है।

इस कानून के तहत सरकार अब इस सूचना का संग्रहण नहीं कर सकेगी। सुरक्षा संबंधी कोई चिंता पैदा हुई तो सरकार संबंधित कंपनी से बात करेगी।

इसके तहत यूएसए पैट्रियाट एक्ट के कुछ प्रावधानों में संशोधन किया गया है। यूएसए पैट्रियाट एक्ट वर्ष 2011 में 11 सितंबर को हुए आतंकवादी हमले के बाद बनाया गया था।

2006 से एक विदेशी खुफिया निगरानी अदालत एनएसए के इस कार्यक्रम की निगरानी कर रही थी। विशेषज्ञों का कहना है कि इस कार्यक्रम के तहत आतंकवाद रोधी जांच के दौरान केवल संदिग्धों के फोन डेटा हासिल किए जाते थे।

लेकिन, 2013 में स्नोडेन ने मीडिया में यह जानकारी देकर तहलका मचा दिया कि एनएसए निगरानी कार्यक्रम के तहत लाखों लोगों के फोन डेटा हासिल किया गए हैं।

मामला उस वक्त और बड़ा हो गया, जब यह खुलासा हुआ कि कई विदेशी नेता भी अमेरिका की इस जासूसी के शिकार हुए हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत के मंगाफ शहर में इमारत में आग से 43 लोगों की मौत, मृतकों में अधिकतर भारतीय

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कुवैत सिटी। कुवैत के मंगाफ शहर में बुधवार सुबह एक इमारत में आग लगने से 43 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में अधिकतर भारतीय हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बुधवार सुबह दक्षिणी कुवैत के मंगाफ शहर में एक इमारत में आग लगी। इस इमारत में भारत और एशिया के मजदूर रहते हैं।

इस हादसे में 40 भरतीयों समेत 43 लोग मारे गए है और करीब 30 लोग घायल हैं। मेजर जनरल रशीद हमद ने कहा कि घटना की सूचना स्थानीय समयानुसार सुबह छह बजे अधिकारियों को दी गई, इसके बाद राहत और बचाव का काम शुरू किया गया। शुरुआती जानकारी के मुताबिक आग एक फ्लैट के किचन से शुरू हुई और पूरी इमारत में फैल गई। जिस इमारत में आग लगी है, वह केरल के रहने वाले एक शख्स की है। इमारत में भी ज्यादातर दक्षिण भारत के ही लोग थे। मरने वाले दस भारतीय नागरिकों में से भी पांच केरल के थे। कुवैत के उप प्रधान मंत्री फहद यूसुफ अल सबा ने घटनास्थल का दौरा किया और पुलिस घटना की जांच के आदेश दिए हैं।

एक वरिष्ठ पुलिस कमांडर ने स्टेट टीवी को बताया कि जिस इमारत में आग लगी, उसमें मजदूरों के क्वार्टर बने हैं। हादसे के समय भी वहां बड़ी संख्या में श्रमिक यहां मौजूद थे। दर्जनों लोगों को बचा लिया गया लेकिन दुर्भाग्य से आग से निकलने वाले धुएं के कारण कई लोगों की दम घुटने से मौत हो गई। कुवैती स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि आग के कारण लगभग 43 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।उधर इस घटना पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुःख जताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘कुवैत शहर में आग की घटना की खबर से गहरा सदमा लगा है। कथित तौर पर 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और 50 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हैं। पीड़ितों में से अधिकांश भारतीय बताए जा रहे हैं।’

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