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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका-ब्रिटेन का फैसला, कुछ मुस्लिम देशों के लोगों को लैपटॉप संग प्लेन में नोएंट्री

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वाशिंगटन/लंदन। मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के आठ देशों से अमेरिका आने वाली कुछ उड़ानों में यात्रियों को इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे लैपटॉप और टैबलेट अपने साथ लेकर यात्रा करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। राष्ट्रीय डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने यह ताजा सुरक्षा प्रतिबंध लगाया है। इसके बाद ब्रिटेन ने भी छह मुस्लिम बहुल देशों से आने वाले सवारी विमानों पर लैपटॉप लाने पर रोक लगा दी।

समाचार चैनल ‘सीएनएन’ की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों ने आतंकवादी हमलों के प्रति चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यात्रियों को स्मार्टफोन से बड़े आकार के उपकरणों, जैसे आईपैड, किंडल और लैपटॉप हवाई जहाज में बैठने से पहले जमा कराने होंगे।

अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, दुबई और इस्तांबुल जैसे वैश्विक महत्व के हवाई अड्डों सहित करीब 10 हवाई अड्डों से उड़ान भरने वाली 50 से अधिक उड़ानें इस प्रतिबंध के दायरे में आएंगी। हालांकि यह प्रतिबंध चालक दल पर लागू नहीं होगा।

अधिकारियों ने बताया कि प्रतिबंध के दायरे में आने वाली उड़ानों को 96 घंटें के अंदर इसका पालन करने के लिए कहा गया है। प्रतिबंध का पालन न करने पर उन वायु सेवाओं की अमेरिका में संचालन की मान्यता रद्द की जा सकती है।

एसोसिएटेड प्रेस ने एक अज्ञात अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया कि यह नया सुरक्षा नियम मंगलवार को आधिकारिक रूप से लागू हो सकता है। यह प्रतबिंध अमेरिका के लिए लगातार उड़ान सेवा प्रदान करने वाले 10 अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डों मिस्र के काहिरा, जॉर्डन के अम्मान, कुवैत के कुवैत सिटी, मोरक्को के कासाब्लांका, कतर के दोहा, सऊदी अरब के रियाद व जेद्दा, तुर्की के इस्तांबुल और संयुक्त अरब अमीरात के दुबई व अबूधाबी पर लागू होगा।

यात्रियों को लैपटॉप, टैबलेट, डिजिटल कैमरा और अन्य इलेक्ट्रानिक वस्तुओं को अपने साथ ले जाने से रोक दिया जाएगा। सिर्फ सेल फोन और अनुमोदित चिकित्सकीय उपकरणों को प्रतिबंध से बाहर रखा गया है।

यह प्रतिबंध रॉयल जॉर्डन सहित विदेशी विमान सेवाओं पर ही लागू होगा। किसी भी अमेरिकी विमान कंपनी पर यह नियम लागू नहीं होगा। समाचार-पत्र ‘वाशिंगटन पोस्ट’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस नए प्रतिबंध का खुलासा अमेरिकी प्रशासन की तरफ से नहीं, बल्कि सोमवार को अपराह्न में रॉयल जॉर्डन एयरलाइंस द्वारा सोमवार को किए गए ट्वीट से हुआ।

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों ने शुरू में इस प्रतिबंध पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया और कहा कि उचित समय पर इस संबंध में जानकारी दी जाएगी। इस प्रतिबंध को लगाने की वजहों का अभी पता नहीं चल सका है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया कि अमेरिकी सरकार कुछ हफ्तों पहले मिली धमकी के मद्देनजर यह प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही थी।

दूसरी ओर ब्रिटेन में जारी आदेश के मुताबिक कैबिन बैगेज में लेपटॉप, आईपैड, टैबलेट, डीवीडी प्लेयर और एक तय साइज के मोबाइल फोन लाने पर रोक रहेगी। ब्रिटेन की तरफ से जारी यह प्रतिबंध 14 एयरलाइंस पर लागू रहेगा, जो सीधे मुस्लिम बहुल देशों से होकर आती है। इनमें तुर्की, लेबनान, इजिप्ट, जॉर्डन, ट्यूनिशिया और सउदी अरब शामिल हैं।

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अन्तर्राष्ट्रीय

इमरान खान का सनसनीखेज आरोप, कहा- पाक सेना रच रही मेरी हत्या की साजिश

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। इमरान खान ने कहा कि उन्हें या उनकी पत्नी को कुछ भी होता है तो सीधे तौर पर सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर जिम्मेदार होंगे। इमरान ने दावा करते कहा है कि पाकिस्तान की सेना मेरी हत्या करवाना चाहती है।

इमरान खान ने कहा कि देश की स्थिति इतनी भयावह है कि उनके जैसा नेता जेल में बंद हैं। उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत जेल में रखा गया है। ब्रिटेन के ‘डेली टेलीग्राफ’ अखबार के लिए रावलपिंडी की अदियाला जेल से लिखे गए एक स्तंभ में क्रिकेटर से नेता बने 71-वर्षीय खान ने अपने पिछले दावे को दोहराया कि अगर उन्हें या उनकी पत्नी को कुछ भी हुआ तो इसके लिए सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर जिम्मेदार होंगे।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक खान ने कहा कि नकदी संकट से जूझ रहा देश “खतरनाक चौराहे” पर है और सरकार “हंसी का पात्र” बन गई है। उन्होंने लिखा है, ‘‘सैन्य प्रतिष्ठान ने मेरे खिलाफ वह सब कुछ किया जो वे कर सकते थे। अब उनके लिए बस मेरी हत्या करना बाकी है।” उन्होंने कॉलम में लिखा है, ‘‘मैंने सार्वजनिक रूप से कहा है कि अगर मुझे या मेरी पत्नी (बुशरा बीबी) को कुछ भी होता है, तो जनरल असीम मुनीर जिम्मेदार होंगे, लेकिन मैं डरता नहीं हूं, क्योंकि मेरा विश्वास मजबूत है। मैं गुलामी के बजाय मौत को प्राथमिकता दूंगा।’’ इमरान खान ने चेतावनी दी कि देश उसी रास्ते पर चल रहा है, जिस पर वह 1971 में चला था, जब उसने पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) खो दिया था।

 

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