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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका ने संयुक्त इराक को समर्थन दोहराया

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वाशिंगटन। ओबामा प्रशासन ने संयुक्त इराक को समर्थन देने के अपने वादे को दोहराया तथा इसके कुर्दिस्तान क्षेत्र के अलग होने की आकांक्षा पर विरोध जताया। व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी कर बताया कि राष्ट्रपति बराक ओबामा और उप राष्ट्रपति जोसेफ बाइडेन ने अर्ध-स्वायत्त कुर्दिस्तान क्षेत्र के राष्ट्रपति मासौद बरजानी से व्हाइट हाउस में मंगलवार को मुलाकात की और स्ट्रेटेजिक फ्रेमवर्क एग्रीमेंट के अंतर्गत संयुक्त, संघीय और लोकतांत्रिक इराक को अपना समर्थन दोहराया।

बरजानी की क्षेत्रीय सरकार की बगदाद की केंद्रीय सरकार से तेल, जमीन और सत्ता साझेदारी के मसले पर तकरार हो चुकी है। वहीं, बरजानी ने कुर्दिस्तान को अलग करने के लिए पिछले गर्मी में जनमत संग्रह कराने का आह्वान किया था। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जोश अर्नेस्ट ने कहा, “अमेरिका का यह नजरिया बना हुआ है कि समावेशी तरीके से शासन करने वाला संयुक्त इराक, इराक के विविधतापूर्ण आबादी के लिए बेहतर रहेगा।” पूर्व प्रधानमंत्री नूरी अल-मलिकी को घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय दबाव के कारण पिछले साल अगस्त में देना पड़ा था, जिनकी नीतियों को इराक में सांप्रदायिक विभाजन के लिए जिम्मेदार माना जा रहा था।

अमेरिका तथा अन्य देश इस्लामिक स्टेट द्वारा इराक के कब्जे में लिए गए स्थानों पर फिर नियंत्रण स्थापित करने के लिए हैदर अल-अबादी नीत इराकी सरकार के प्रयास का समर्थन कर रहे हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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