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अखिलेश यादव ने फीकी की मुलायम-शिवपाल की दिवाली

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लखनऊ। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल यादव की दिवाली फीकी कर दी है। उन्होंने सोमवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित कर दी। एक ओर सपा की घोषित कार्यकारिणी में कई नई चेहरों को शामिल किया गया है वहीं इस टीम में पार्टी के संस्थापक और वर्तमान संरक्षक मुलायम सिंह यादव के अलावा शिवपाल यादव को जगह नहीं दी गई है।

सोमवार को जारी की गई 55 सदस्यों वाली नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शिवपाल को जगह नहीं दी गई है हालांकि, शिवपाल अभी तक पार्टी का हिस्सा हैं। मगर, इस लिस्ट के जरिए अखिलेश ने उन्हें घोषित रूप से किनारे कर दिया है। दूसरे चाचा रामगोपाल यादव को प्रमुख महासचिव का पद दिया है। इनके अलावा आजम खां और राजेन्द्र चौधरी को महासचिव बनाया गया है। सपा नेता रामगोपाल यादव की तरफ जारी सूची के अनुसार इसमें बसपा से सपा में आए इंद्रजीत सरोज को महासचिव बनाया गया है। किरणमय नंदा सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए हैं।

इसके अलावा नरेश अग्रवाल, रवि प्रकाश वर्मा, सुरेन्द्र नागर, बलराम यादव, विशम्भर प्रसाद निषाद, अवधेश वर्मा, इन्द्रजीत सरोज, रामलाल सुमन तथा रमाशंकर विद्यार्थी राजभर को पार्टी का महासचिव बनाया गया है। उन्होंने बताया कि संजय सेठ पार्टी के कोषाध्यक्ष होंगे जबकि जो एण्टोनी, रामपूजन पटेल, डा़ मधु गुप्ता, कमाल अख्तर, अभिषेक मिश्रा, राजेन्द्र चौधरी, रमेश प्रजापति, पी एन चौहान, अरुणा कोरी तथा जावेद आम्दी सचिव होंगे।

सपा की इस नई टीम के ऐलान के बाद मुलायम परिवार में सुलह हो जाने के दावों को करारा झटका लगा है। दरअसल कार्यकारिणी की बैठक के बाद शिवपाल यादव के अखिलेश को बधाई देने पर यह माना जाने लगा था कि यादव परिवार और एसपी के वरिष्ठ नेताओं में सुलह हो गई है लेकिन अब कार्यकारिणी गठन में मुलायम और शिवपाल को जगह न मिलने के कारण यह माना जा रहा है कि एसपी में एक बार फिर घमासान की स्थिति बन सकती है।

प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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