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प्रादेशिक

जिला पंचायत चुनाव में बीजेपी ने सपा को दी करारी शिकस्त

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लखनऊ। जिला पंचायत के चुनावों में समाजवादी पार्टी चारो खाने चित्त हो गई। बढ़चढ़ कर दावा करने वाली सपा के गढ़ (कन्नौज, फिरोजाबाद और औरैया आदि) भी उसे भाजपा से करारी शिकस्त मिली।

यह बातें उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आज शनिवार को जारी एक बयान में कही। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मुंगेरीलाल की तरह ख्याब देखने वाले सपा प्रमुख अखिलेश यादव के 22 में बाइसकिल के दावे की भी हवा निकल गई। लोगों ने बता दिया कि पंचर साइकिल की एक सीमा होती है,अब वह दौड़ने से रही।

उन्होंने कहा कि जनता सपा शासन काल की अराजकता को भूली नहीं है। प्रदेश में वह अब किसी हालात में उस बदतरीन दौर को कतई नहीं देखना चाहती है। लिहाजा 2014 के बाद से सपा को  लगातार खारिज कर वह इस बात का संदेश भी दे रही है। इस चुनाव ने 2022 में क्या होना है, उसका साफ संदेश दे दिया। इसके बावजूद भी अगर अखिलेश को सब कुछ ठीक दिखता है तो यह उनके नजर का दोष है।

ऐसा दोष जो लाइलाज है। मालूम हो कि आज खत्म हुई जिला पंचायत अध्यक्षो के चुनाव में भाजपा सहयोगी दलों की दो सीटों के साथ 67 सीटें जीतकर लगभग क्लीनस्वीप की स्थिति में है। जनता ने एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सुशासन और भाजपा की रीति नीति में अपनी आस्था व्यक्त की है।

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि चुनावों को लेकर अखिलेश द्वारा लगाए गये सारे आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने जोआरोप लगाये हैं वह उनके और उनकी पार्टी के चरित्र के अनुकूल हैं। भाजपा राजनीति की शुचिता और लोकतंत्र में यकीन रखती है। इस चुनाव में भी उसने यही किया। अखिलेश इस हार से बौखला गए हैं और अनर्गल प्रलाप करके अपनी हताशा और पराजय दर्शा रहे हैं।  उनकी हालत खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे जैसी है। लिहाजा वह आधारहीन आरोप लगा रहे हैं। जनता को सब पता है।

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बेंगलुरु इस्कॉन मंदिर में मनाया जा रहा है 25वीं रजत जयंती का ब्रम्ह महोत्सव

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लखनऊ। बेंगलुरु “इस्कॉन मंदिर” में भगवान और समाज की सेवा की “25वीं रजत जयंती” के वर्षों को 21 अप्रैल से 03 मई तक चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का अविस्मरणीय अलौकिक दिव्य-भव्य “ब्रम्ह महोत्सव” पूजा-अर्चना समारोह आयोजित* हुआ है।

इस दरम्यान *प्रभु मधु पंडित व प्रभु चंचल पति , प्रभु लक्ष्मीपति और प्रभु अनंतवीर्य ने अपने-अपने विचारों से अवगत कराया।

सभी भक्तों को बताया कि *प्रभु पाद जी के त्याग और समर्पण भाव से प्रेरणा* लेनी चाहिए। उन्होंने साथ ही यह भी बताया गृहस्थ जीवन में भी सभी को नियमित ब्रम्हमुहूर्त में महामंत्र का जाप करना चाहिए। श्रीकृष्ण जी की गीता वाणी का अध्ययन करके अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। इस्कॉन मंदिर में काफी संख्या में भक्तगण राधा कृष्ण का दर्शन करके प्रसादम् और आशीर्वाद लेते हैं। संध्या काल में राधा-कृष्ण पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। मंदिर में अन्य दिनों की अपेक्षा प्रत्येक शनिवार और रविवार को सभी आयु वर्गों के भक्तों की अत्यधिक उपस्थिति रहती है।

*बेंगलुरु में इस्कॉन मंदिर श्री कृष्ण भगवान और समाज की सेवा के 25वीं रजत जयंती के वर्षों को चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का “ब्रम्ह महोत्सव का उत्सव” 21 अप्रैल से 03 मई तक मनाया* जा रहा है। इसमें भाग लेने के लिए संपूर्ण भारत के विभिन्न राज्यों से भक्तजन आते हैं।

*इस्कॉन का हरे कृष्ण मंदिर*
इस्कॉन मंदिर (*International Society for Krishna Consciousness) बेंगलुरु की खूबसूरत इमारतों में से एक है*। इस इमारत में कई अत्याधुनिक सुविधाओं में *मल्टी-विजन सिनेमा थियेटर, कम्प्यूटर सहायता प्रस्तुतिकरण थियेटर एवं वैदिक पुस्तकालय और उपदेशात्मक पुस्तकालय* है। इस *मंदिर के अनुयाई सदस्यों व गैर-सदस्यों* के लिए यहां रहने की भी काफी उत्तम सुविधा उपलब्ध है। मालूम हो कि अपनी विशाल सरंचना के कारण *इस्कॉन मंदिर बेंगलुरु में बहुत प्रसिद्ध* है और इसीलिए *बेंगलुरु का सबसे मुख्य पर्यटन स्थान* भी है। इस मंदिर में आधुनिक और *वास्तुकला का दक्षिण भरतीय मिश्रण परंपरागत रूप से पाया जाता* है। मंदिर में अन्य संरचनाएं *बहु दृष्टि सिनेमा थिएटर और वैदिक पुस्तकालय*। मंदिर में भक्तों के लिए रहने कि सुविधाएं भी उपलब्ध है।

*इस्कॉन मंदिर के बैंगलुरु में छ: मंदिर हैं*

*राधा-कृष्ण मंदिर (मुख्य मंदिर)*
*कृष्ण-बलराम मंदिर,*
*निताई गौरंगा मंदिर (चैतन्य महाप्रभु और नित्यानन्दा),*
*श्रीनिवास गोविंदा (वेंकटेश्वरा)*
*प्रहलाद-नरसिंह मंदिर एवं श्रीला प्रभुपादा मंदिर*
*बैकुंठ हिल में तिरुपति बालाजी मंदिर और योग व भोग नरसिम्हा मंदिर*
उत्तर बेंगलुरु के राजाजीनगर में स्थित *राधा-कृष्ण का मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है*। इस *मंदिर का शंकर दयाल शर्मा ने सन् 1997 में उद्घाटन* किया था।

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