मुख्य समाचार
यमन में केरल के अपहृत पादरी सुरक्षित
तिरुरवनंतपुरम| यमन में केरल के अपहृत पादरी सुरक्षित हैं और उन्हें अपहर्ताओं के चंगुल से मुक्त कराने के प्रयास अंतिम चरण में हैं। एक अधिकारी ने बुधवार को आईएएनएस से बताया कि कैथोलिक पादरी टॉम उझुनालिल ने अपने चर्च प्रशासन से बात की है। वह सुरक्षित हैं।
अधिकारी ने कहा, “अब यह स्पष्ट हो गया है कि वह आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के चंगुल में नहीं हैं, बल्कि यमन में सरकार विरोधी सशस्त्र गुटों की गिरफ्त में हैं। उन्हें उनके चंगुल से छुड़ाने के प्रयास जारी हैं।”
सशस्त्र चरमपंथियों का एक गिरोह मार्च में एक बुजुर्ग व्यक्ति के घर में घुस गया था और उन्होंने वहां एक भारतीय नन सहित चार ननों व कई अन्य की हत्या कर दी थी और पादरी उझुनालिल को अगवा कर लिया था। उसके बाद से पिछले सप्ताह तक उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया था।
बुजुर्ग व्यक्ति का वह घर जहां चरमपंथी घुसे थे, 1992 में मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने बनाया था।
वेटिकन, फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन तथा यमन में स्थानीय भारतीय समुदाय के लोग पादरी को सुरक्षित अपहर्ताओं के चंगुल से मुक्त कराने के प्रयास कर रहे हैं।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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