अन्तर्राष्ट्रीय
ये है दुनिया की सबसे महंगी चॉकलेट, कीमत 620863 रुपये
चॉकलेट खाना किसे पसंद नहीं है? आपने अभी तक कई तरह की चॉकलेट्स खाई होंगी। डार्क, व्हाइट, कैरेमल और न जानें कितनी तरह की चॉकलेट मार्केट में मिलती हैं। इनमें से कुछ चॉकलेट्स की कीमत सस्ती तो कुछ महंगी भी होती है। चॉकलेट युवाओं और बच्चों को बहुत पसंद आती है। वे इस खाना खूब पसंद करते हैं। पुर्तगाल के ऑबिदुश शहर में चल रहे इंटरनेशनल चॉकलेट फेस्टिवल में दुनिया की सबसे महंगी चॉकलेट ‘ग्लोरियस’ प्रदर्शित की गई। इस चॉकलेट की कीमत 7728 यूरो यानी 6,20,863 रुपये है।
आपने कभी ऐसी चॉकलेट के बारे में नहीं सोचा होगा, जिसके प्रदर्शन के लिए सुरक्षाकर्मी होंगे और जो उसे खरीदेगा उसे घर पहुंचाने की जिम्मेदारी भी सुरक्षाकर्मियों की ही होगी। मजेदार बात यह है कि इस चॉकलेट पर 23 कैरेट गोल्ड की पालिश की गई है। 23 फरवरी से 18 मार्च तक पुर्तगाल के ओबिडोस में एक फेस्टिवल का आयोजन किया गया। यह दुनिया की सबसे महंगी चॉकलेट हैं, जिसका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है।
आपको बता दें, इसमें इसमें केसर की पत्तियां, मेडागास्कर से लाया गया वनीला भी डाला गया है। बताया जाता है कि डेनियल गोम्स बीते एक साल से इस तरह से चॉकलेट बनाने पर लगे हुए थे। इसे लकड़ी के काले बॉक्स में रखा गया है। बॉक्स पर सोने के सीरियल नंबर लिखे गए हैं। यह बॉक्स हजारों मोतियों से सजा है और सबसे ऊपर सोने का रिबन हैंडल लगा है।
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जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत
नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।
इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।
उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।
डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
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