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WHO ने दी चेतावनी, कहा-कोरोना का डेल्टा वैरिएंट है अधिक संक्रामक
नई दिल्ली। दुनिया में अभी कोरोना वायरस का प्रकोप कम पड़ना चालू ही हुआ था कि दूसरी तरफ कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट ने एंट्री मार दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि कोरोना का डेल्टा वैरिएंट उसके पुराने रूप की तुलना में अधिक संक्रामक है। इसी तरह वायरस का ये रूप बढ़ता रहा तो दुनियाभर में संक्रमण फैलने का बड़ा खतरा बन सकता है।
डब्ल्यूएचओ ने कोरोना महामारी की वैश्विक स्थिति रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि वायरस का अल्फा वैरिएंट दुनिया के 170 देशों, बीटा 119, गामा 71 और डेल्टा 85 देशों में फैल चुका है। डेल्टा वायरस के प्रसार का सिलसिला लगातार जारी है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले दो सप्ताह में वायरस 11 देशों तक पहुंच गया है। संगठन ने कहा कि अभी चार वैरिएंट पर करीब से नजर रखी जा रही है। इसमें डेल्टा को भी शामिल किया गया है, जो अल्फा से भी तेज नजर आ रहा है।
भारत में सबसे अधिक संक्रमित मिले
डब्ल्यूएचओ के अनुसार 14 से 20 जून के बीच भारत में कोरोना संक्रमण के सबसे अधिक 4,41,976 मामले मिले हैं। राहत की बात ये है कि ये आंकड़े पिछले सप्ताह की तुलना में 30 फीसदी कम हैं। इसी दौरान सबसे अधिक 16,329 मरीजों की मौत भारत में हुई, इसमें भी पहले की तुलना में 31 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। आंकड़े बताते हैं कि भारत में दूसरी लहर धीमी पड़ गई है।
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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक
अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।
इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।
हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।
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