नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख ने कहा है कि आने वाले कुछ दिनों में दुनिया कोविड-19 संक्रमण के चलते 10 लाख से अधिक मामले देखेगी और महामारी से मरने वालों की संख्या 50 हजार से पार होगी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस अदनोम घेब्येयियस की बुधवार को दैनिक ब्रीफिंग के हवाले से कहा, “कोविड-19 महामारी अपनी शुरुआत के बाद से अब चौथे महीने में प्रवेश करेगी, ऐसे में मैं संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों और इसके वैश्विक प्रसार के बारे में गहराई से चिंतित हूं।”
दुनिया भर में पिछले पांच हफ्तों में कोविड -19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर ट्रेडोस ने कहा कि पिछले सप्ताह में मरने वालों की तुलना में संख्या दोगुनी से अधिक हुई है।
डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, महामारी के चलते बुधवार तक दुनियाभर के 200 देशों और क्षेत्रों में कुल 40,777 लोगों ने अपनी जान गंवाई। वहीं संक्रमित व्यक्तियों की कुल संख्या 8,27,419 रही।
चीन के बाहर अकेले बुधवार दोपहर तक संक्रमित मामलों की संख्या बढ़कर 7,44,781 हो गई, जबकि महामारी के चलते 37,456 मरीजों की मौत हो गई।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, 1,63,199 मामलों के साथ अमेरिका में 2,850 मौतें हुई, जबकि इटली में 1,05,792 संक्रमित मामलों के साथ कुल 12,430 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।
इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।
उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।
डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।