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WhatsApp ने 22 लाख से ज्यादा अकाउंट किए बैन, ऐसा कर रहे हों तो हो जाएं सावधान

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WhatsApp

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नई दिल्ली। इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp ने 22 लाख से ज्यादा भारतीय अकाउंट्स को बैन कर दिया है। यह रिपोर्ट कंपनी की तरफ से जारी की गई है। यह डाटा 1 जून से लेकर 30 जून तक की है। आंकड़ों पर ध्यान दिया जाए तो कंपनी ने मई महीने में 19 लाख अकाउंट्स, अप्रैल में 16 लाख और मार्च में करीब 18.05 लाख अकाउंट्स को बैन किया था।

क्यों लगा इन अकाउंट्स पर बैन

आईटी नियम, 2021 के तहत कंपनी को अपनी मंथली रिपोर्ट जारी करनी होती है। इस रिपोर्ट में यह बताना होता कि कंपनी के पास कितनी शिकायतें आई हैं और उनमें से कितनों पर एक्शन लिया गया। अपनी मंथली रिपोर्ट में कंपनी ने कहा है कि WhatsApp के पास 426 अपील आई थीं और इनमें से 64 अकाउंट्स पर कार्रवाई की गई है।

कंपनी के प्रवक्ता का कहना है WhatsApp पर एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सर्विसेज का दुरुपयोग रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। यूजर्स को अपने प्लेटफॉर्म पर सिक्योर्ड रखने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य अत्याधुनिक तकनीक, डाटा साइंस में कंपनी ने लगातार निवेश किया है।

इन कारणों से हो सकते हैं बैन

WhatsApp का कहना है कि यूजर्स को उन लोगों को मैसेज नहीं करने चाहिए जो उन्हें मैसेज न करने की चेतावनी देते है। अगर कोई व्यक्ति चेतावनी के बाद भी ऐसा करना जारी रखता है तो उन्हें कंपनी बैन कर देगी।

अगर आप WhatsApp का इस्तेमाल कर बल्क मैसेज, ऑटोमैटेड मैसेज या ऑटो डायल करते हैं तो यह आपको बैन करा सकता है। बता दें कि WhatsApp मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी और यूजर्स की रिपोर्ट दोनों का इस्तेमाल उन अकाउंट्स का पता लगाने और बैन करने के लिए करता है, जो अनचाहे ऑटोमेटेड मैसेज भेजते हैं।

बिना किसी की सहमति के उसका नंबर शेयर करना या डाटा का इस्तेमाल करना भी आपको मुश्किल में डाल सकता है। किसी को भी उसकी अनुमति के बिना ग्रुप में नहीं जोड़ना चाहिए। अगर आप किसी को अश्लील वीडियो या मैसेज भेजते हैं तो न सिर्फ आपका अकाउंट बैन किया जाएगा बल्कि आपको सलाखों के पीछे भी डाला जा सकता है।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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