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WhatsApp ने भारत में 23 लाख से ज़्यादा अकाउंट्स को किया बैन, ये है वजह
नई दिल्ली। ऑनलाइन इंस्टैंट मैसेजिंग एप WhatsApp ने जुलाई के महीने में भारत में लगभग 23 लाख अकाउंट्स को बैन किया है। इन सभी अकाउंट्स को IT Rules, 2021 के अनुसार बैन किया गया है। बता दें कि मैसेजिंग के इस प्लेटफार्म पर भारत के 40 करोड़ से ज़्यादा यूज़र्स हैं।
कंपनी ने जून में 22 लाख अकाउंट्स को बैन किया था,जो जुलाई में बढ़कर 23 लाख से ज़्यादा हो गए हैं। इन अकाउंट्स को यूज़र्स की रिपोर्ट, एप की पालिसी का उल्लंघन और गलत जानकारी फैलाने के आरोप में बैन किया गया है।
WhatsApp सीधे यूजर्स को बैन का नोटिस नहीं भेज रहा है। ऐप का कहना है कि इन अकाउंट्स को यूजर्स के फीडबैक के बाद बैन किया गया है। व्हाट्सप्प को जुलाई महीने में 574 शिकायत मिली हैं। कई यूज़र्स ने अभद्रता या नुकसानदायक व्यवहार की शिकायत की।
इन अकाउंट्स को गलत जानकारी फैलाने, साइबर सिक्योरिटी में सेंधमारी और दूसरे कारणों से बैन किए गया है। कंपनी के स्पोकेसपर्सन ने बताया- ‘इन अकाउंट्स को IT Rules 2021 के अनुसार बैन किया गया है। जुलाई महीने में कंपनी ने कुल 2,387,000 अकाउंट्स बैन किए हैं।’
बता दें कि व्हाट्सअप्प हर महीने ऐसे एकाउंट्स को अपने प्लेटफार्म से रिमूव करता है। इस लिस्ट में वो अकाउंट्स होते हैं जिन्होंने एप की पॉलिसी का उल्लंघन किया होता है या फिर जिन अकाउंट्स को यूज़र्स ने रिपोर्ट किया होता है।
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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।
इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड
सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।
जनवरी में होगी अगली बैठक
जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।
वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।
फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम
विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।
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