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खेल-कूद

WFI अध्यक्ष संजय सिंह बोले: बृजभूषण सिंह का चेहरा नहीं हूं, कुश्ती के लिए बरसों किया है काम

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WFI President Sanjay Singh

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प्रयागराज। मैं बृजभूषण सिंह का चेहरा नहीं हूं, बल्कि पिछले 12-13 वर्षों से कुश्ती के लिए काम कर रहा हूं। कॉमनवेल्थ और एशियाई खेलों में मैं खिलाड़ियों को लेकर गया हूं। कुश्ती के खेल को बरसों सींचने का काम किया है। अब लोकतांत्रिक तरीके से अध्यक्ष चुन लिया गया तो खेल मंत्रालय संस्था को कैसे निलंबित कर सकता है। खेल मंत्रालय ने कुश्ती की संस्था को निलंबित करते समय उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया है, इसलिए सरकार के इस फैसले को अदालत में चुनौती दी जाएगी। न्याय जरूर मिलेगा।

यह बातें बुधवार को प्रयागराज पहुंचे भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह ने कही। संजय सिंह ने कहा कि सरकार WFI का पक्ष सुने बिना उनकी स्वायत्त और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई संस्था को निलंबित नहीं कर सकती है। हम लाठी-तंत्र या धरना के माध्यम से नहीं चुने गए हैं। न ही मनोनीत होकर आए हैं।

मैंने बाबासाहेब के संविधान के अनुसार चुनाव लड़ा और लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत यह पद हासिल किया है। चुनाव में 22 राज्य इकाईयों ने उनके पक्ष में मतदान किया है। फिर भी लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई संस्था को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया, ये न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है।

संजय ने कहा कि लोग हमारा विरोध इसलिए कर रहे हैं कि मैं सांसद बृजभूषण सिंह का करीबी हूं। मैं उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ से जुड़ा रहा हूं, वह भारतीय कुश्ती संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। मैं उनका करीबी तो रहूंगा ही। हमने साथ में कुश्ती के खेल को उंचाईयों पर पहुंचाया है।

बृजभूषण सिंह के नेतृत्व में कुश्ती ने बड़ी उंचाई हासिल की है। वह खेल की बेहतरी के लिए कार्य करते रहे हैं, इसलिए वह हमारे भाई, मित्र, करीबी सबकुछ हैं। मैं 13 वर्षों से कुश्ती के लिए कार्य कर रहा हूं। अब मैं किसी का चेहरा कैसे हो सकता हूं।

आयोजन स्थल पर सभी की थी सहमति

संजय ने कहा कि कुश्ती की राष्ट्रीय प्रतियोगिता कराने के लिए संघ की बैठक हुई थी। 31 दिसंबर से पहले प्रतियोगिता करानी थी। महज आठ दिन में कोई भी आयोजन कराने को तैयार नहीं था। इसलिए सभी ने राय दिया कि नंदनीनगर गोंडा में टाटा और साईं का सेंटर है। वहां, आयोजन हो सकता है। इसके बाद ही वहां पर आयोजन कराए जाने का निर्णय लिया गया है।

बिना ट्रायल के जाने का दिख गया परिणाम

संजय ने कहा कि कुछ लोग बिना ट्रायल के ही देश का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं। विश्व कुश्ती चैंपियनशिप-2023 में अंतिम पंघाल ट्रायल में चुनकर गई तो वह कांस्य पदक लेकर लौटी। वहीं, एक महाशय (बजरंग पुनिया) 10-0 से हारकर लौटे। परिणाम तो सामने है।

कोर्ट से मिला न्याय, तो करेंगे ये काम

संजय ने कहा कि उनकी संस्था को न्याय अदालत से जरूर मिलेगा। वह न्याय पाने के बाद कुश्ती के खेल को बढ़ावा देने के लिए सबसे पहले राष्ट्रीय प्रतियोगिता आयोजित करेंगे। इसके बाद अच्छे खिलाड़ियों को कैंप में लाकर ओलपिंक क्वालीफाईंग की तैयारी कराएंगे। खिलाड़ियों को पिछले 12 महीनों से कोई प्रतियोगिता नहीं मिल सकी है।

टकराव बड़े खिलाड़ियों से नहीं, तीन लोगों से

संजय ने कहा कि संघ का टकराव किसी भी खिलाड़ी से नहीं है। टकराव उन तीन खिलाड़ियों से है, जो चाहते हैं कि कुश्ती के खेल में उन्होंने जो मुकाम हासिल कर लिया वहां तक कोई न पहुंच सके। वह जूनियर खिलाड़ियों को आगे नहीं आने देना चाहते हैं।

बयान को तोड़मरोड़ कर किया गया पेश

संजय सिंह ने कहा कि बृजभूषण सिंह के बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया है। उन्होंने दावा किया था कि कुश्ती के खेल में जो पहलवानों का दबदबा है वह हमेशा रहेगा। ओलंपिक में भारत कुश्ती के लिए फिर पदक जीतेगा। इस दबदबे की बात हुई थी, जिसे कुछ और ही समझा गया है। ओलंपिक में भारत कई खेलों में प्रतिभाग करता है, लेकिन लोगों को पदक की आस कुश्ती से जरूर रहती है। यह दबदबा है।

खेल-कूद

आउट होने के बाद अंपायर से भिड़े संजू सैमसन, BCCI ने ठोंका जुर्माना

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नई दिल्ली। राजस्‍थान रॉयल्‍स के कप्‍तान संजू सैमसन आईपीएल 2024 के 56वें मैच में विवादित अंदाज में आउट हुए और फिर अंपायर से बहस करने के कारण बीसीसीआई ने उन पर मैच फीस का 30 प्रतिशत जुर्माना ठोंक दिया।अरुण जेटली स्टेडियम में मंगलवार को दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स (आरआर) के बीच एक रोमांचक मुकाबला खेला गया।

डीसी ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 221 रन बनाए थे। जवाब में राजस्थान की टीम 20 ओवर में 201 रन ही बना सकी।
सैमसन की 46 गेंदों में 86 रनों की बेहतरीन पारी का अंत विवादित रहा। शाई होप ने मुकेश की गेंद पर बाउंड्री रोप के पास सैमसन का एक शानदार कैच लपका। ऐसा लगा कि होप ने गेंद को सफलतापूर्वक पकड़ लिया था और कई रीप्ले को देखकर भी यही लगा, लेकिन एक ऐसा एंगल भी था जिसने कैच को लेकर थोड़ा संदेह पैदा कर दिया। हालांकि, तीसरे अंपायर ने अंततः पहले दो रीप्ले पर भरोसा किया और सैमसन को आउट घोषित कर दिया।

इसके बाद शुरुआत में डगआउट की ओर बढ़ रहे सैमसन रिप्ले देखने के बाद अंपायर के फैसले से असंतुष्ट दिखे और अंपायरों से बहस करने लगे। हालांकि थोड़ी देर बहस करने के बाद संजू को अंपायर का फैसला मानकर पवेलियन जाना पड़ा। अब बीसीसीआई ने सैमसन के इस व्यवहार के लिए जुर्माना ठोक दिया है।

बीसीसीआई की ओर से आधिकारिक बयान में कहा गया है कि, राजस्थान रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन पर 7 मई, 2024 को दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मैच के दौरान आईपीएल आचार संहिता के उल्लंघन के लिए उनकी मैच फीस का 30 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है। सैमसन ने आईपीएल की आचार संहिता के अनुच्छेद 2.8 के तहत लेवल 1 का अपराध किया है। उन्होंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है और सजा को स्वीकार भी कर लिया है। आचार संहिता के लेवल 1 उल्लंघन के लिए, मैच रेफरी का निर्णय अंतिम होता है।

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