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पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार व शिक्षा को बढ़ावा देंगे हंस फाउंडेशन व श्रीमंगलम

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पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार व शिक्षा को बढ़ावा, हंस फाउंडेशन व श्रीमंगलम, एनजीओ श्रीमंगलम सोसायटी, पहाड़ की समस्याओं पर मंथन

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पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार व शिक्षा को बढ़ावा, हंस फाउंडेशन व श्रीमंगलम, एनजीओ श्रीमंगलम सोसायटी, पहाड़ की समस्याओं पर मंथन

एनजीओ श्रीमंगलम सोसायटी ने आयोजित की कार्यशाला

देहरादून। गैर सरकारी संगठन श्रीमंगलम सोसाएटी ने शनिवार को देहरादून के राजपुर रोड स्थित श्रीमंगलम संस्थान में एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार सृजित करने और शिक्षा के स्तर को बढ़ाने की दिशा में किये जाने वाले प्रयासों पर विचार-विमर्श किया गया। श्रीमंगलम सोसायटी पर्वतीय क्षे़त्रों में हंस फांउडेशन के सहयोग से शिक्षा व रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है।

कार्यशाला में मुख्य वक्ता व विपणन विशेषज्ञ टीएस बिष्ट ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि यदि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकना है तो वहां रोजगार और शिक्षा के स्तर को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि पलायन के कारकों का निदान जरूरी है। पलायन का सीधा संबंध रोजगार व भविष्य को लेकर है। आज पर्वतीय इलाकों में रोजगार के साधन नहीं है इसलिए वहां का युवा मैदानों की ओर आ रहा है जबकि बच्चों के भविष्य की चिंता में अभिभावक भी मैदान का रुख कर रहे हैं। श्री बिष्ट ने बताया कि पर्वतीय इलाकों में सरकारी शिक्षा ही है। सरकारी शिक्षा वेंटीलेटर पर है। ऐसे में अभिभावकों को अपने नौनिहालों के भविष्य की चिंता सताती है और वह बेहतर भविष्य की तलाश में पलायन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि पर्वतीय जिलों में रोजगार के समुचित अवसर मिले और शिक्षा का स्तर सुधर जाए तो पलायन में कमी आएगी।

पहाड़ की समस्याओं पर किया मंथन

बिष्ट ने कहा कि सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर की शिक्षा व प्राथमिक स्तर से अंग्रेजी सिखाना है। उन्होंने श्रीमंगलम के कार्यकर्ताओं को मोटिवेट करते हुए कहा कि संस्था को एक कारपोरेट की तरह ही बेहतर उन्नति की ओर ले जाने के लिए प्रयास करने होंगे, इसके लिए हर सदस्य को अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा। इस अवसर पर वक्ताओं ने हंस फाउंडेशन की मदद से किये जा रहे कार्यों का भी उल्लेख किया। इसमें निर्धन कन्याओं का विवाह करना, आपदाग्रस्त लोगों की मदद के लिए योजना व अन्य मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया।

गौरतलब है कि श्रीमंगलम संस्था महिला सशक्तीकरण व शिक्षा के लिए समर्पित है। संस्था की अध्यक्ष मोना रंधावा कुशलता से इस संस्था को आगे ले जाने का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि संस्था महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में हंस फाउंडेशन के सहयोग से कार्य कर रही है। इस अवसर पर प्रबंधक विक्रम जीत सिंह कंवर, सेंट्रल हेड हिमानी भाटिया, प्रोजेक्ट कार्डिनेटर आरुषि बर्थवाल, गौरव, रोशनी पाठक, अतुल सिंह, ज्योति कुमार आदि मौजूद थे।

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बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस का फंदे से लटकता मिला शव, वाट्सएप पर लगाया था ऐसा स्टेटस

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भागलपुर। बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस अन्नपूर्णा उर्फ अमृता पांडेय की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई मरने से पहले अमृता पांडे ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखा है कि दो नाव पर सवार है उसकी जिंदगी…हमने अपनी नाव डूबा कर उसकी राह को आसान कर दिया। अमृता के इस स्टेटस से कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने सुसाइड किया है। हालांकि पुलिस अभी इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चलेगा।

परिवार वालों ने बताया कि करीब 3.30 बजे अमृता की बहन उसके कमरे में गई। वहां वह फंदे से लटकी हुई थी। आनन फानन में उसके फंदे से चाकू से काट​कर तत्काल परिवार वाले स्थानीय निजी अस्पताल ले गए, लेकिन वहां उसे मृत बता दिया गया। परिजनों ने बताया कि शुक्रवार की रात उन लोगों ने काफी मस्ती की थी। फिर अचानक से क्या हुआ। किसी को समझ नहीं आ रहा। परिजनों ने बताया कि अमृता की शादी 2022 में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी चंद्रमणि झांगड़ के साथ हुई थी। वे मुंबई में एनिमेशन इंजीनियर हैं। अब तक उन लोगों को बच्चे नहीं हैं।

अमृता ने मशहूर भोजपुरी एक्टर खेसारी लाल यादव समेत कई दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया है. साथ ही कई सीरियल, वेब सीरज और विज्ञापन में भी काम किया है। बहन के मुताबिक, अमृता कैरियर को लेकर काफी परेशान रहती थी। वह काफी डिप्रेशन में थी। इस वजह से वह इलाज भी करा रही थी। अमृता भोजपुरी फिल्मों के अलावा कुछ वेब सीरीज में काम में रही थी. हाल ही में अमृता की हॉरर वेब सीरीज प्रतिशोध का पहला भाग रीलिज हुआ है।

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