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आरबीएस डालेंगे उत्तराखंड रक्षा मोर्चा में जान

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उत्तराखंड रक्षा मोर्चा, राज्य अधीनस्थ चयन आयोग के अध्यक्ष आरबीएस रावत, एसएस पांगती, पीसी थपलियाल

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उत्तराखंड रक्षा मोर्चा, राज्य अधीनस्थ चयन आयोग के अध्यक्ष आरबीएस रावत, एसएस पांगती, पीसी थपलियाल

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देहरादून। उत्तराखंड रक्षा मोर्चा को निकट भविष्य में एक कमतर युवा लेकिन सशक्त नेतृत्व मिलने के आसार हैं। राज्य अधीनस्थ चयन आयोग के अध्यक्ष आरबीएस रावत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अब तक पत्ते तो नहीं खोले हैं लेकिन आकलन किया जा रहा है कि वह रक्षा मोर्चा की कमान संभाल सकते हैं। यह संकेत उनकी प्रेस कांफ्रेंस में देखने को मिले। इस संवाददाता सम्मेलन में उनके साथ पूर्व आईएएस और गढ़वाल कमिश्नर एसएस पांगती और मोर्चा के प्रवक्ता पीसी थपलियाल भी थे।

अंतरमन की आवाज पर दिया इस्तीफा

वन विभाग के पूर्व मुखिया रहे आरबीएस रावत ने देहरादून के एक होटल में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि उनके अंतरमन ने उन्हें जनमानस की सेवा करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि पिछले दो माह से प्रदेश में हालात ऐसे हैं कि उन्हें लगा कि अब चुप बैठने का समय नहीं है। हालांकि उन्होंने यह कहा कि वह गैरराजनीतिक संगठन के माध्यम से प्रदेश के हितों की लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच चुका है। सीमांत गांवों तक विकास की लहर नहीं पहुंची है और न ही कोई उनकी सुनवाई हुई है। ऐसे में वह सीमांत गांव के आदमी की लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा अब उन्होंने धरातल पर रहकर आम लोगों की सेवा करने का संकल्प लिया है। वह मानते हैं कि पलायन को रोकने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किये गये हैं। इस कारण पर्वतीय जनपदों से पलायन जारी है।

रक्षा मोर्चा की बैठक में हो चुके हैं शामिल

सूत्रों के मुताबिक रावत गत शनिवार को वसंत विहार स्थित एक होटल में रक्षा मोर्चा के कार्यकर्ताओं की बैठक में शामिल हुए थे। इसके बाद ही आम सहमति से उन्होंने राजनीति में कदम रखने का फैसला लिया है। सूत्रों के मुताबिक वह मोर्चा को लीड़ कर सकते हैं, हालांकि अभी मोर्चा को कोटद्वार निवासी डीआईजी बीएस नेगी कर रहे हैं। गौरतलब है कि पूर्व ले. जनरल टीपीएस रावत के नेतृत्व में रक्षा मोर्चा का गठन किया गया था लेकिन मोर्चा को अधर में छोड़ जनरल रावत ने इसका विलय आम आदमी पार्टी में कर दिया था। अब रक्षा मोर्चा को दोबारा से सक्रिय किया जा रहा है।

नेशनल

पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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