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उत्तराखंड: बागी विधायकों को हाई कोर्ट का झटका

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nainital high court

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फ्लोर टेस्ट में नहीं ले सकेंगे भाग

नैनीताल। राज्य में फ्लोर टेस्ट से पहले हाई कोर्ट ने कांगे्रस के नौ बागी विधायकों को बड़ा झटका दिया है। जस्टिस यूसी ध्यानी की एकलपीठ ने स्पीकर के इन विधायकों को विधानसभा सदस्यता से बर्खास्त संबंधित आदेश को संवैधानिक करार दिया है। अब ये बागी विधायक कल होने वाले फ्लोर टेस्ट में भाग नहीं ले सकेंगे। कोर्ट के इस आदेश के बाद बागी विधायकों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दी गयी है। इस मामले में आज दोपहर बाद सुनवाई होनी है। वहीं हरीश रावत के घर के बाहर जश्न का माहौल है। कांगेसी हरीश रावत के समर्थन में नारे लगा रहे हैं। उधर भाजपा खेमे में मायूसी का आलम पसरा हुआ है।

बागियों की सुप्रीम कोर्ट में अपील

हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है। इसके साथ ही उन्होंने जल्द सुनवाई की मांग की है। हाईकोर्ट ने विधानसभा स्पीकर के बागी विधायकों की निलंबन के फैसले को जारी रखते हुए यह फैसला सुनाया। बता दें कि कांग्रेस के नौ बागी विधायकों ने विस स्पीकर के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में याचिका दायर की थी। इसके बाद अब विधानसभा में 62 विधायक फ्लोर टेस्ट में भाग लेंगे। कांग्रेस के नौ बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के मामले में दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने आज सवा दस बजे फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की अदालत ने सात मई को दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। बागी विधायकों की याचिका पर नौ मई का निर्णय 10 मई को होने वाले फ्लोर टेस्ट के लिए अहम साबित होगा।

कांग्रेस के नौ बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के मामले में हाईकोर्ट में दायर याचिका पर 7 मई शनिवार को दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी हो गई थी। बागी विधायकों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सीए सुंदरम व दिनेश द्विवेदी ने सीएम के पत्र का हवाला देते हुए बर्खास्तगी की कार्रवाई को आधारहीन साबित करने की कोशिश की तो स्पीकर की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल व अमित सिब्बल ने वीडियो फुटेज दिखाकर नौ विधायकों के बागी होने का सबूत पेश किया था।

न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की अदालत में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता बागी विधायकों का पक्ष रखते हुए सीए सुंदरम ने 26 मार्च को मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल को दिए पत्र का हवाला दिया था, जिसमें 18 मार्च को विनियोग विधेयक का पास होना और कांग्रेस के नौ विधायकों का स्वेच्छा से पार्टी छोड़ना समेत अन्य बिंदुओं को लिखा गया है। याची की ओर से स्पीकर की सीडी को भी पेश किया गया था। मालूम हो कि बागी विधायक सुबोध उनियाल, शैला रानी रावत, उमेश शर्मा काऊ, कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, हरक सिंह रावत, अमृता रावत, शैलेंद्र मोहन सिंघल व प्रदीप बत्रा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर 27 मार्च को स्पीकर की ओर से उनकी सदस्यता को समाप्त करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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