Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तराखंड

आग और धुंए के कारण लौटने लगे सैलानी

Published

on

देवभूमि उत्तराखंड, जंगलों में आग, जनपद पौड़ी, एसडीआरएफ, आग बुझाने की जिम्मेदारी, 2 लोगों की झुलस कर मौत

Loading

देवभूमि उत्तराखंड, जंगलों में आग, जनपद पौड़ी, एसडीआरएफ, आग बुझाने की जिम्मेदारी, 2 लोगों की झुलस कर मौत

Uttarakhand-Forest Fire

आग बुझाने के लिए बारिश का इंतजार

देहरादून/हरिद्वार। पूरा उत्तराखंड जंगल की आग से दहक रहा है। प्रदेश के सभी 13 जिले रविवार को आग की चपेट में आ गए। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से शनिवार तक हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जंगल की आग से बचे हुए थे। बीते 24 घंटे में आग 136 जगह और लग गई। जिससे यहां आए सैलानियों को धुएं की वजह से हिमालय की चोटी दिखना बंद हो गई। ऐसे में सैलानी लौटने लगे हैं। सरकारी आंकड़ों में आग से क्षति लाखों में दिखाई जा रही है, लेकिन हकीकत में आग ने बड़ा नुकसान किया है। वन संपदा और वन्य जीवों को बड़े पैमाने पर क्षति पहुंची है।

जंगल में आग की घटनाओं के थमने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर में एक भी घटना दर्ज नहीं हुई थी, लेकिन रविवार को ऊधम सिंह नगर में सात और हरिद्वार में आग की 40 घटनाएं दर्ज की गई। शासन, प्रशासन और वन विभाग में संसाधनों और मैन पावर की कमी होने से आग पर काबू पाने में दिक्कत आ रही है। जलस्रोत सूखे हुए हैं। जंगलों को आग से बचाने के लिए शासन और वन विभाग बारिश की बाट जोह रहा है। राज्यपाल डा. केके पाल ने स्वयं स्थिति की मानीटरिंग शुरू कर दी है। सभी जिलों के डीएम को आवश्यक निर्देश दिए जा रहे हैं। रविवार को राज्यपाल ने सलाहकारों के साथ बैठक की और आग से पहुंची क्षति की समीक्षा के निर्देश दिए। एनडीआरएएफ, एसडीआरएफ, वन विभाग की टीमों के साथ सेना भी जंगल की आग बुझाने में लगी है।

वन कर्मियों की छुट्टियां निरस्त

वायु सेना के हेलीकाप्टरों के साथ केंद्र सरकार का भेजा हुआ हेलीकाप्टर एमआई-17 भी बचाव कार्य में जुट गया है। वनों में आवश्यक आर्द्रता बनाए रखने के लिए जलाशयों में पानी की समुचित व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। केंद्र सरकार से मदद के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में घूमने आए सैलानियों को जंगल की आग की वजह से दिक्कत हो रही है। चारों तरफ धुआं भरा होने की वजह से लोग हिमालय की चोटी नहीं देख पा रहे हैं। आग की वजह से सैलानियों ने लौटना शुरू कर दिया है। आग के कारणों की पड़ताल और रोकथाम के उपाय के लिए रविवार को केंद्र से पहुंचे विशेष दल ने प्रदेश के आला अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया। मुख्य सचिव के मुताबिक केंद्रीय दल ने मिट्टी की नमी को बचाए रखने के लिए जल संग्रहण आदि के उपाय करने और फायर लाइन की निरंतरता को बनाए रखने के लिए सुझाव दिया है।

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के कारण एक निर्धारित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पेड़ों को काटकर फायर लाइन नहीं बनाई जा सकती। इसके लिए अब सर्वोच्च न्यायालय से इस पर पुनर्विचार का आग्रह किया जाएगा। वहीं जंगल में लग रही आग और दिनोंदिन बढ़ रहे तापमान के कारण पानी के लिए भटक रहे वन्यजीवों की रक्षा के लिए हरिद्वार के डीएफओ एचके सिंह ने रविवार शाम डिवीजन कार्यालय में रेंजरों की आपात बैठक बुलाकर सभी वन कर्मियों की छुट्टी निरस्त कर दी गई। डीएफओ एचके सिंह ने सभी रेंजरों को आदेश दिए कि वे अपनी रेंज में गश्त को तेज करें, दिन के साथ रात में गश्त की जाए। आग बुझाने के लिए 148 वनकर्मियों को लगाया गया है। साथ ही उन्होंने रेंज में वाटर होलों पर पानी भरने के निर्देश दिए। डीएफओ ने कहा कि बाजार से किराए के टैंकरों से वाटर होलों में पानी भरा जाए। किसी क्षेत्र में यदि वाटर होलों के खाली होने की सूचना आती है तो इसमें रेंजर की जवाबदेही तय होगी। जो भी रेंजर लापरवाही बरतेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीएफओ ने हरिद्वार और पथरी वन रेंज का निरीक्षण भी किया। अगले आदेशों तक सभी वन कर्मियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है।

 

उत्तराखंड

10 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, पहले ही दिन हुए 2 लाख से ज्यादा पंजीकरण

Published

on

Loading

नई दिल्ली। इस बार 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इसके लिए सोमवार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले ही दिन चार धाम के लिए दो लाख से अधिक पंजीकरण हो गए हैं। सबसे अधिक 69 हजार पंजीकरण केदारनाथ धाम के लिए हुए हैं।

रजिस्ट्रेशन की सुविधा मोबाइल ऐप, वॉट्सऐप और टोल फ्री नंबर पर भी है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। इस बार चारधाम यात्रा शुरू होने से 25 दिन पहले यात्रियों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है, जिससे प्रदेश के बाहर से आने वाले यात्री अपना प्लान बनाकर आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकें।

रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, मोबाइल नंबर के साथ यात्रा करने वाले सदस्यों का ब्योरा, निवास स्थान के पते के लिए आईडी देनी होगी। पर्यटन विभाग की वेबसाइट रजिस्ट्रेशन एंड टूरिस्ट केअर डॉट यूके डॉट जीओवी डॉट इन पर लॉगिन कर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसके अलावा वॉट्सऐप नंबर-8394833833 पर यात्रा लिखकर मैसेज करके भी पंजीकरण कर सकते हैं। पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर-0135-1364 पर कॉल करके पंजीकरण की सुविधा दी है। स्मार्ट फोन पर टूरिस्टकेअरउत्तराखंड मोबाइल ऐप से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

Continue Reading

Trending