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उत्तराखंड

मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना में लाखों की हेरा-फेरी

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मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना, लाखों की हेरा-फेरी, पूर्व सीएम हरीश रावत, उत्‍तराखण्‍ड

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मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना, लाखों की हेरा-फेरी, पूर्व सीएम हरीश रावत, उत्‍तराखण्‍ड

harish rawat

लगभग 82 लाख रुपयों का पता नहीं

देहरादून। पूर्व सीएम हरीश रावत की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना में लाखों की हेरा-फेरी सामने आई है। योजना के कार्ड बनाने के नाम पर लाखों परिवारों से शुल्क तो वसूल लिया गया, लेकिन जमा नहीं किया गया। यह पैसा किसके पास है और जमा क्यों नहीं हुआ, इसको लेकर अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। प्रदेश में पिछले साल मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की गई थी।योजना के तहत करीब 10 लाख 74 हजार परिवारों का चयन हुआ था, जिन्हें सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में कैशलैस उपचार की सुविधा दी गई थी। योजना के तहत प्रत्येक परिवार का एक कार्ड बनना था। इसके लिए फॉर्म भरते समय स्वास्थ्य विभाग ने सभी परिवारों से 30-30 रुपये शुल्क लिया था।

कार्ड बनाने की जिम्मेदारी यूनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी को सौंपी गई थी। कार्ड बनने के बाद धनराशि जमा कर कार्ड बांटने थे। आठ लाख परिवारों कार्ड बांटे गए, लेकिन बाद में बिना कार्ड भी उपचार की सुविधा दी गई। इसका फायदा उठाते हुए ही बाकी दो लाख 74 हजार परिवारों को कार्ड नहीं बांटे गए। क्योंकि, कार्ड बांटे जाते तो इसकी धनराशि भी जमा करानी होती। इन परिवारों से वसूले गए करीब 82 लाख रुपये कहां गए, किसी को पता नहीं। स्वास्थ्य केंद्रों से रिलीव हो चुके कई एमबीबीएस डॉक्टरों को दोबारा वहीं सेवाएं देने के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि यह पैसा कार्ड बनाने वाली कंपनी के पास है, लेकिन कंपनी इस दावे को गलत बता रही है। विभाग का कहना है कि कार्डों में गड़बडि़यों के चलते इन्हें बांटा नहीं गया। यही कारण है कि इनका पैसा भी जमा नहीं किया गया है।

अगर यह सच है तब भी सवाल उठता है कि सरकारी पैसे को करीब एक साल तक किसके पास और क्यों रखा गया है। बीमा कंपनी के अधिकारियों का दावा है कि उन्हें केवल आठ लाख कार्डों का पैसा मिला है। कहा जा रहा है कि करीब दो लाख 74 हजार कार्ड गलत बने हैं। लेकिन न तो इन कार्डों को वापस किया जा रहा है और न ही सही करने के लिए भेजा जा रहा है। प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य, ओम प्रकाश ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। स्वास्थ्य महानिदेशक से इस संबंध में जानकारी ली जाएगी। गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। इस सम्बन्ध में यूनाइटेड इंश्योरेंस के सिनियर डिवीजनल मैनेजर का कहना है कि हमने करीब 10 लाख 74 हजार कार्ड बनाकर दिए। आज तक हमें करीब आठ लाख कार्डों का ही भुगतान किया गया। विभागीय अधिकारियों के साथ हुई बैठक में इस पर जल्द फैसला लेने का आश्वासन मिला है।

उत्तराखंड

10 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, पहले ही दिन हुए 2 लाख से ज्यादा पंजीकरण

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नई दिल्ली। इस बार 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इसके लिए सोमवार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले ही दिन चार धाम के लिए दो लाख से अधिक पंजीकरण हो गए हैं। सबसे अधिक 69 हजार पंजीकरण केदारनाथ धाम के लिए हुए हैं।

रजिस्ट्रेशन की सुविधा मोबाइल ऐप, वॉट्सऐप और टोल फ्री नंबर पर भी है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। इस बार चारधाम यात्रा शुरू होने से 25 दिन पहले यात्रियों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है, जिससे प्रदेश के बाहर से आने वाले यात्री अपना प्लान बनाकर आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकें।

रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, मोबाइल नंबर के साथ यात्रा करने वाले सदस्यों का ब्योरा, निवास स्थान के पते के लिए आईडी देनी होगी। पर्यटन विभाग की वेबसाइट रजिस्ट्रेशन एंड टूरिस्ट केअर डॉट यूके डॉट जीओवी डॉट इन पर लॉगिन कर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसके अलावा वॉट्सऐप नंबर-8394833833 पर यात्रा लिखकर मैसेज करके भी पंजीकरण कर सकते हैं। पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर-0135-1364 पर कॉल करके पंजीकरण की सुविधा दी है। स्मार्ट फोन पर टूरिस्टकेअरउत्तराखंड मोबाइल ऐप से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

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