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उत्तराखंड

बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले, श्रद्धालुओं ने किए अखंड ज्योति के दर्शन

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बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले, श्रद्धालुओं ने किए अखंड ज्योति के दर्शन

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badrinath bhotia tribe

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देहरादून/चमोली। जय बद्री विशाल लाल के गगन भेदी उद्घोष के साथ हिन्दुओं के आस्था के पवित्र धाम श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट धार्मिक रीति रिवाज व वैदिक मंत्रोचार के साथ बुधवार को प्रातः 4 बजकर 35 मिनट पर शीतकाल के बाद छह माह के लिए श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये गये हैं। इस अवसर पर हजारों तीर्थयात्रियो ने अखंड ज्योति के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किये। छह माह भगवान श्री हरि की पूजा नारद द्वारा किये जाने के बाद अब नारायण की पूजा नर के हाथों शुरू हो गई है। इस मौके पर देश-विदेश से पहुंचे हजारों तीर्थ यात्रियों ने अखंड ज्योति के दर्शन किये। कपाट खुलने से पूर्व छः माह पूर्व भगवान विष्णु की अद्र्धांग्नि लक्ष्मी जी, जो कि छः माह के लिए भगवान के पास में स्थापित किया जाता है जिन्हें कपाट खुलने पर मुख्य मंदिर के प्रागंण में ही बने लक्ष्मी मंदिर में स्थापित किया गया। इसके बाद कुबेर तथा उद्धव की मूर्ति भगवान बद्रीनाथ के समीप स्थापित की गई।

अखंड ज्योति के दर्शन के लिए प्रातः 3 बजे से ही भक्तों की कतार बद्रीनाथ धाम में लगनी शुरू हो गई थी। ठीक 4 बजकर 35 मिनट पर जैसे ही मंदिर का सिंहद्वार खुला वैसे ही भक्तों ने श्री बद्री विशाल लाल की जय-जयकर के उदघोष सेे बद्रीनाथ धाम में पड़ रही ठंड के वातावरण में गर्माहट पैदा कर दी। कपाट खुलते ही गढ़वाल स्काउट ने अपने बैंड के साथ मधुर ध्वनि से वातावरण को और भी संगीतमय बना दिया। भक्त जो जहां खड़े थे वहीं झूमने लगे। अखंड ज्योति के दर्शन के उपरांत श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में भगवान श्री हरि को छह माह कपाट बंद के अवसर पर ओढ़ायी गई घृत कंवल के छोटे-छोटे टुकड़े दिये गये जिसे पाकर श्रद्धालु अपने को धन्य मान रहे थे।

कपाट खुलने के अवसर पर स्थानीय भोटिया जनजाति की महिलाओं ने अपने पारंपरिक लोक गीतों, लोक नृत्यों व मांगल गीत के माध्यम से बद्री विशाल की महिमा का व्याख्यान किया। मन्दिर के मुख्य कार्याधिकारी बी.ड़ी. सिंह ने बताया कि आज लगभग 8 हजार से अधिक यात्री बद्रीनाथ में मौजूद हैं। उन्होंने अवगत कराया कि इस वर्ष धाम आने वाले श्रद्धालुओं की आध्यात्मिक अनुभूति के लिए बदरीश ध्यान केन्द्र का शुभारम्भ किया गया है। उन्होंने स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन दिये जाने हेतु बद्रीनाथ धाम में चैलाई से निर्मित लड्डुओं को प्रसाद के रूप मे वितरण की बात कही। कहा कि अन्य उत्पादों में भी स्थानीय कच्चे माल का उपयोग किया जायेगा।

उत्तराखंड

10 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, पहले ही दिन हुए 2 लाख से ज्यादा पंजीकरण

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नई दिल्ली। इस बार 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इसके लिए सोमवार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले ही दिन चार धाम के लिए दो लाख से अधिक पंजीकरण हो गए हैं। सबसे अधिक 69 हजार पंजीकरण केदारनाथ धाम के लिए हुए हैं।

रजिस्ट्रेशन की सुविधा मोबाइल ऐप, वॉट्सऐप और टोल फ्री नंबर पर भी है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। इस बार चारधाम यात्रा शुरू होने से 25 दिन पहले यात्रियों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है, जिससे प्रदेश के बाहर से आने वाले यात्री अपना प्लान बनाकर आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकें।

रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, मोबाइल नंबर के साथ यात्रा करने वाले सदस्यों का ब्योरा, निवास स्थान के पते के लिए आईडी देनी होगी। पर्यटन विभाग की वेबसाइट रजिस्ट्रेशन एंड टूरिस्ट केअर डॉट यूके डॉट जीओवी डॉट इन पर लॉगिन कर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसके अलावा वॉट्सऐप नंबर-8394833833 पर यात्रा लिखकर मैसेज करके भी पंजीकरण कर सकते हैं। पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर-0135-1364 पर कॉल करके पंजीकरण की सुविधा दी है। स्मार्ट फोन पर टूरिस्टकेअरउत्तराखंड मोबाइल ऐप से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

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