अन्तर्राष्ट्रीय
आतंकवाद पर ट्रंप और पाकिस्तान के इस फैसले से बढ़ सकती हैं भारत की दिक्कतें
नई दिल्ली। पाकिस्तान में अभी नई सरकार बनी भी नहीं है और अमेरिकी सरकार ने पकिस्तान पर पैसों की बारिश कर दी है। अमेरिकी संसद में पास हुए रक्षा कानून के अनुसार अमेरिका पाकिस्तान को सहायता राशि देगा। इस सहायता राशि के लिए पाकिस्तान को आतंकवादियों के द्वारा चलाए जा रहे नेटवर्क के खिलाफ भी कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है।
हक्कानी नेटवर्क और लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ कार्रवाई की शर्तों को हटाया:
विश्व के बड़े आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई की शर्त को भी ट्रम्प सरकार ने वापस ले लिया है। जो विश्व के किसी भी देश के लिए अच्छी खबर नहीं है, खासकर भारत के लिए।
70 करोड़ डॉलर से 15 करोड़ डॉलर हुई सहायता राशि:
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के समय व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सदस्य रहे अनीश गोयल ने कहा कि विधेयक में पाकिस्तान को प्रतिपूर्ति के रूप में दी जाने वाली कुल राशि घटाकर 15 करोड़ डॉलर कर दी गई है। यह पिछले वर्ष मंजूर 70 करोड़ डॉलर के मुकाबले काफ़ी कम है।
पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए भी कोई सहायता नहीं दी जाएगी:
उन्होंने कहा, अब पाकिस्तान को यह धन राशि पाने के लिए हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए भी कोई सहायता नहीं दी जाएगी।
गोयल का कहना है कि, ऐसे में मौजूदा विधेयक पर ट्रंप के हस्ताक्षर के बाद पेंटागन आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान पर दबाव नहीं बना सकेगा।
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जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत
नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।
इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।
उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।
डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
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