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हो गया महागठबंधन तय, पीएम पद के लिए इस दिग्गज नेता का उठा सबसे पहले नाम

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नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद शुरु हुए सियासी उथल-पुथल के बाद आखिरकार जेडीएस और कांग्रेस की गठबंधन की सरकार बन ही गई। 7 दिन के अंदर कर्नाटक को दूसरी बार मुख्यमंत्री मिला। इससे पहले येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी लेकिन बहुमत साबित नहीं करने पाने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। इसी बीच कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद की शपथ के दौरान महागठबंधन की एक बार फिर सुगबुगाहट देखने को मिली।

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साभार इंटरनेट

विपक्ष ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में होने वाले महागठबंधन की नीव रख दी है। खबर है कि एंटी बीजेपी दल एक मंच पर इकट्ठा होने वाले हैं। सपा और बसपा ने तो गोरखपुर और फूलपुर में होने वाले उपचुनाव में ही गठबंधन का एलान कर दिया था।

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साभार इंटरनेट

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष एकजुट तो हो रहा है लेकिन इस गठबंधन की राह इतनी आसान नहीं। सीटों के बंटवारे के साथ-साथ पीएम मोदी के सामने अपना पीएम फेस उतारना महागठबंधन के लिए टेढ़ी खीर साबित होने वाली है। सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने सबसे पहले मुलायम सिंह यादव का नाम उछाल कर अपने सहयोगी दलों तक अपनी बात पहुंचा दी है।

वहीं दूसरी दल भी पीएम के चेहरे पर अपना मंथन जारी रखे हैं। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी प्रधानमंत्री बनने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं।

गौरतलब है कि महागठबंधन में कई ऐसे चेहरे हैं जो पीएम पद के दावेदार हो सकते हैं। मायावती, ममता बनर्जी और चंद्रबाबू नायडू जैसे दिग्गज नताओं को भी पीएम बनने की रेस में आगे माना जा रहा है।

वहीँ महागठबंधन को लेकर कांग्रेस का मानना है कि यह नंबर गेम होता है। पीएम किस पार्टी का होगा यह चुनाव के परिणाम के बाद ही तय हो पाता है।

नेशनल

भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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