उत्तर प्रदेश
निकाय चुनाव में यूपी पुलिस की आंख, नाक, कान बनेंगे ‘डिजिटल वॉलेंटियर्स’
यूपी पुलिस के सी-प्लान ऐप के जरिए जोड़े जा चुके हैं 15 लाख डिजिटल वॉलेंटियर्स
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इस साल नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर यूपी पुलिस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस चुनाव में स्थानीय स्तर पर खींच-तान होने की आशंका सबसे ज्यादा बनी रहती है। ऐसे में यूपी पुलिस का ‘डिजिटल वॉलेंटियर सी-प्लान’ ऐप काफी मददगार साबित होने जा रहा है।
असरदार साबित होगा सी-प्लान ऐप, सीएम योगी ने किया था उद्घाटन
2017 में सत्ता संभालने के बाद सीएम योगी ने प्रदेश के सभी मोहल्ले के संभ्रांत नागरिकों और ओपीनियन लीडर्स को चिह्नित करने और उन्हें पुलिस के डेटाबेस से ऑनलाइन जोड़ने की कल्पना की थी। 2019 में सीएम योगी ने सी-प्लान ऐप को लॉन्च किया था। आज इस ऐप के जरिए यूपी पुलिस के पास करीब 15 लाख ‘डिजिटल वॉलेंटियर्स’ की फौज खड़ी हो गयी है।
क्या करते हैं डिजिटल वॉलेंटियर्स
प्रदेश के हर इलाके से जुड़े डिजिटल वॉलेंटियर्स अपने अपने क्षेत्र की संवेदनशील गतिविधियों और स्थानीय स्तर पर पांव पसार रही अफवाहों के बारे में तत्काल पुलिस विभाग को सूचित करते हैं, जिससे किसी भी प्रकार की हिंसा और अपराध को समय रहते ही काबू प्राप्त करने में काफी मदद मिलती है।
ये ऐसे लोग होते हैं जो किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति में पुलिस के मददगार बनकर समाज में शांति-व्यवस्था कायम रखने के लिए तत्पर रहते हैं। पुलिस मुख्यालय से इन डिजिटल वॉलेंटियर्स से कभी भी आसानी से संपर्क स्थापित किया जा सकता है। साथ ही थाना स्तर पर इन डिजिटल वॉलेंटियर्स का वाट्सएप ग्रुप भी सक्रिय रहता है।
क्या है सी-प्लान ऐप
सी-प्लान एप को कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत आमजन से सीधा संवाद स्थापित करने और समाज में लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन रखने के लिए पब्लिक की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से बनाया गया है। ऐप के जरिए ना सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में बल्कि शहरी कस्बों और मोहल्लों के संभ्रांत लोगों से भी पुलिस मुख्यालय से सीधा संपर्क आसानी से किया जा सकता है।
ऐप का संचालन सीधे लखनऊ स्थित पुलिस हेडक्वार्टर से होता है। इसे डीजीपी के कंट्रोल रूम और यूपी 112 के कंट्रोल रूम से भी जोड़ा गया है। दोनों कंट्रोल रूम 24 घंटे काम करते हैं।
आम पब्लिक के लिए नहीं है सी-प्लान ऐप
सी-प्लान ऐप आम जनता के लिए नहीं है। इसे केवल पुलिसकर्मी ही इस्तेमाल कर सकते हैं। पुलिसकर्मियों के स्मार्ट फोन पर इस ऐप को डाउनलोड करने के बाद संबंधित थाने का सीयूजी नंबर दर्ज करना होता है। सीयूजी नंबर दर्ज करने के बाद उस मोबाइल नंबर पर ओटीपी आता है। ओटीपी अंकित करते ही ऐप सक्रिय हो जाता है।
20 लाख डिजिटल वॉलेंटियर्स का लक्ष्य
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के अनुसार सी-प्लान ऐप के जरिए पुलिस ने अबतक उत्तर प्रदेश के लगभग 15 लाख डिजिटल वॉलेंटियर्स को अपने डेटाबेस में जोड़ने का काम पूरा कर लिया है। हमारा लक्ष्य साल के अंत तक 20 लाख डिजिटल वॉलेंटियर्स को जोड़ने का है। स्थानीय निकाय चुनावों को देखते हुए हर मोहल्ले से 10-10 संभ्रांत लोगों के नाम, नंबर और पते अपडेट किये जा रहे हैं।
इसी साल यूपी के 752 नगर निकायों में होने वाले हैं मेयर, चेयरमैन और पार्षदों के चुनाव
उत्तर प्रदेश में इस बार 17 नगर निगमों में मेयर तथा पार्षदों के साथ ही 200 नगर पालिका परिषद और 535 नगर पंचायतों में चेयरमैन साथ सभासदों का चुनाव होना है। वार्ड और मोहल्ले की राजनीति में हिंसा और उत्पात की सबसे ज्यादा गुंजाइश बनी रहती है, ऐसे में डिजिटल वॉलेंटियर्स सी-प्लान ऐप पुलिस की आंख, कान और नाक साबित होगा।
उत्तर प्रदेश
लोकसभा चुनाव: दूसरे चरण में यूपी की इन आठ सीटों पर मतदान जारी
लखनऊ। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में आज यूपी की आठ सीटों पर मतदान चल रहा है। अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा में शाम छह बजे तक वोट पड़ेंगे।
चुनाव के लिए सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं। सुबह से लोग मतदान करने के लिए कतारों में देखे जा रहे हैं। आठ लोकसभा सीट के 1.67 करोड़ मतदाता 91 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे, जिसमें 10 महिला प्रत्याशी हैं। गौतमबुद्ध नगर व मथुरा सीट पर सर्वाधिक 15-15 और बुलंदशहर में सबसे कम छह प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं। पिछले चुनाव में इन आठ सीटों में से सात भाजपा और एक बसपा की झोली में गई थीं।
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। दूसरे चरण में यूपी में 1,67,77,198 मतदाता हैं। इसमे 90,26,051 पुरुष, 77,50,356 महिला और 791 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। सबसे अधिक मतदाता गाजियाबाद में 29.45 लाख और सबसे कम बागपत में 16.53 लाख हैं। कुल 17704 पोलिंग बूथ में 3472 संवेदनशील हैं।
मतदान पर सतर्क दृष्टि रखने के लिए आयोग द्वारा 3 विशेष प्रेक्षक, 8 सामान्य प्रेक्षक, 5 पुलिस प्रेक्षक तथा 12 व्यय प्रेक्षक भी तैनात किए गए हैं। इसके अतिरिक्त 1451 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 190 जोनल मजिस्ट्रेट, 222 स्टैटिक मजिस्ट्रेट तथा 1599 माइक्रो ऑब्जर्वर भी तैनात किए गए हैं।
चुनाव प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए 4213 भारी वाहन, 3251 हल्के वाहन तथा 79338 मतदान कार्मिक लगाए गए हैं। चुनाव में मतदान के लिए 17230 ईवीएम की कंट्रोल यूनिट, 17331 बैलट यूनिट तथा 17443 वीवीपैट तैयार किए गए हैं। चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए पर्याप्त मात्रा में अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती की गई है। स्ट्रांग रूम की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी अर्द्ध सैनिक बलों को दी गई है।
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