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उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार, 4 नए मंत्री बनाए गए

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उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार, 4 नए मंत्री बनाए गए

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उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार, 4 नए मंत्री बनाए गए

लखनऊ| उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को अपने मंत्रिमंडल का सातवां विस्तार किया। राज्यपाल राम नाईक ने चार नए मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई, जिनमें दो कैबिनेट और दो राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने नए मंत्री बनाए जाने के लिए पांच लोगों के नाम राजभवन भेजे थे, लेकिन बलिया से विधायक जियाउद्दीन रिजवी देश से बाहर होने की वजह से शपथ नहीं ले सके। उन्हें बाद में शपथ दिलाई जाएगी। सबसे चौंकाने बाली बात यह रही कि शपथ ग्रहण समारोह में राज्य के कद्दावर मंत्री और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव उपस्थित नहीं थे, जिससे राजनीतिक गलियारों में अटकलों के बाजार गर्म हो गए हैं।

मंत्रिमंडल विस्तार से ठीक पहले मुख्यमंत्री यादव ने राज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री मनोज पांडेय को अपने मंत्रिमंडल से हटा दिया। बताया जाता है कि नियम के मुताबिक सिर्फ चार नए मंत्री बनाए जा सकते थे, लेकिन मुख्यमंत्री पांच नए लोगों को मंत्रिपरिषद में जगह देना चाहते थे इसलिए पांडेय को हटा दिया गया। समाजवादी पार्टी (सपा) के सूत्रों की मानें तो मुलायमसिंह यादव और स्वयं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पांडेय के कामकाज से खुश नहीं थे। राजभवन में सोमवार को नारद राय और बलराम यादव ने नए कैबिनेट मंत्री के रूप में और रविदास मल्होत्रा व शारदा प्रताप शुक्ल ने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शपथ ली।

सूत्रों का कहना है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पूर्वाचल में पार्टी की गोटी लाल करने के लिए बलिया को प्रमुखता दी गई है। नारद राय व जियाउद्दीन रिजवी दोनों बलिया से ही हैं। हालांकि नारद राय पहले भी मंत्रिमंडल में थे। गुटबाजी के आरोप में मुख्यमंत्री ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था। विधायक जियाउद्दीन रिजवी पहली बार मंत्री बनाए जाएंगे। इस बीच, बलराम यादव मंत्रिमंडल में फिर से जगह बनाने में कामयाब रहे। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के सपा में विलय में उनकी मुख्य भूमिका थी, इसलिए मुख्यमंत्री ने उन्हें पिछले सप्ताह मंत्रिमंडल से हटा दिया था। विलय रद्द होने के बाद मुलायम के कहने पर उन्हें दोबारा मंत्रिमंडल में जगह दी गई है।

बताया जाता है कि राजधानी लखनऊ के जातिगत समीकरणों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने विधायक रविदास मल्होत्रा और शारदा प्रताप शुक्ल को बतौर राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जगह दी है। शारदा प्रताप मुलायम सिंह यादव के पुराने करीबी भी रहे हैं। शपथ ग्रहण समारोह में प्रो. रामगोपाल यादव, राज्यसभा सदस्य अमर सिंह भी शामिल थे, लेकिन सरकार के दो कद्दावर मंत्री शिवपाल सिंह यादव व आजम खान की अनुपस्थिति सभी को खटक रही थी।

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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