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बीएसएफ विमान हादसा : राजनाथ ने दी जवानों को श्रद्धांजलि
नई दिल्ली| केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) विमान दुर्घटना में जान गंवाने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी। इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के पास उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही हुए इस हादसे में बीएसएफ के नौ जवानों और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के एक सह-पायलट की मौत हो गई। सफदरजंग हवाईअड्डे पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में राजनाथ सहित केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू, दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी ने भी जवानों को श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र से आर्थिक सहायता का भी आश्वासन दिया। भावुक राजनाथ सिंह ने पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना देते हुए कहा, “मुसीबत के वक्त पर सरकार आपके साथ है। सरकार की ओर से सामाजिक और आर्थिक रूप से हर प्रकार की मदद दी जाएगी।”
दुर्घटना में मारे गए जवानों में डिप्टी कमांडेंट डी. कुमार, निरीक्षक एस. एन. शर्मा, रविंद्र कुमार यादव, उप निरीक्षक छोटे लाल शर्मा, सुरेंद्र सिंह, रबिंद्र कुमार, सहायक उप निरीक्षक डी. पी. चौहान और कांस्टेबल आर रावत शामिल थे। देहरादून के निवासी भगवती प्रसाद भट्ट सह पायलट राजेश शिविरेन के साथ विमान का संचालन कर रहे थे। राजेश, हरियाणा के भिवानी का निवासी था। विमान दुर्घटना में जान गंवाने वाले सभी जवानों के शव अंतिम संस्कार के लिए उनके परिजनों को सौंपे जाएंगे। बीएसएफ के महानिदेशक डी.के. पाठक ने मंगलवार को कहा था, “बीएसएफ के फंड में से 15-15 लाख रुपये के अतिरिक्त सरकार की अेार से पीड़ित परिवारों को अनुग्रह राशि के तौर पर 10-10 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।” श्रद्धांजलि समारोह के दौरान बुधवार को पीड़ितों के परिजनों ने गृहमंत्री से विमान दुर्घटना मामले में जांच कराने के आदेश देने की मांग की।
उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो जवानों की जानें ऐसे ही जाती रहेंगी और परिवार इसका खामियाजा भुगतेंगे। बीएसएफ विमान दुर्घटना में मारे गए उप निरीक्षक रबिंद्र कुमार की बेटी समारोह के दौरान कई बार बेहोश हुई। उसने कहा, “मेरे पिता एक नायक थे, वह एक नायक की तरह मरे, लेकिन हमेशा जवानों को ही अपनी जान क्यों गंवानी पड़ती है। इतने सालों से विमान दुर्घटनाओं में हो रही मौतों पर सरकार चुप क्यों है? इस सब के अंत में हमें ही जूझना पड़ता है।” डिप्टी कमांडेंट धीरेंद्र कुमार की बहन ने आईएएनएस को बताया, “हमें सरकार से कोई आशा नहीं है, क्योंकि इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी और जवान मरते रहेंगे। हमने उच्च अधिकारियों से कोई मांग जबाान नहीं की, क्योंकि हम जानते हैं कि इसका कोई फायदा नहीं है।”
प्रियंका ने कहा, “मेरे भैया हमेशा मुझे बताते थे कि विमानों के रख-रखाव की समस्या हमेशा से रही है और कुछ तो काफी पुराने हो गए हैं। कुछ विमानों और चॉपर को बदलने की जरूरत है, पर कुछ नहीं हो रहा है।” रिजिजू ने कहा, “द्वारका दुर्घटना एक त्रासदी है। दुर्घटनाग्रस्त विमान पुराना नहीं था। इस विमान को 1995 में खरीदा गया था और यह काफी समय तक चलने वाला था। मैं इन विमानों से ही यात्रा करता हूं। जो भी रिपोर्ट आ रही हैं, वह गलत हैं।” बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “कई बार विमानों और हेलीकाप्टरों में उड़ान से पहले जांच होने के बाद भी तकनीकी समस्याएं हुई हैं। बीएसएफ का एक छोटा उड़ान विभाग है, लेकिन हम आश्वस्त करते हैं कि हमारे विमान सबसे अच्छे हैं। जांच होने के बाद ही हम बता पाएंगे कि आखिर क्या हुआ था?”
नेशनल
पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे
श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।
अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।
अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।
नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।
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