अन्तर्राष्ट्रीय
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अस्पतालों पर होने वाले हमलों की निंदा की
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मंगलवार को हिंसक संघर्ष के दौरान चिकित्सा एवं मानवीय कर्मियों पर होने वाले हमलों की निंदा के लिए एक प्रस्ताव अंगीकार किया। इसमें संबंधित पक्षों से चिकित्सीय कामों में लगे लोगों को सुरक्षित व हिफाजत से महफूज स्थानों पर जाने की अनुमति होने की मांग रखी गई है। संयुक्त राष्ट्र परिषद के 15 देशों ने यह प्रस्ताव सीरिया में अस्पतालों पर सिलसिलेवार हमलों के बाद सर्वसम्मति से पारित किया है। मंगलवार सुबह सीरिया के अलेप्पो शहर में एक अस्पताल पर रॉकेट हमला हुआ, जिसमें दर्जनों नागरिक मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। वहीं, पिछले सप्ताह विद्रोहियों के कब्जे वाले पड़ोसी इलाके अलेप्पो में अल कुद्स अस्पताल पर एक लड़ाकू विमान ने मिसाइल दागी थी।
प्रस्ताव में सभी पक्षों से चिकित्सीय कामों में शामिल कर्मचारियों, उनके आवागमन के साधनों व उपकरणों के साथ-साथ अस्पतालों व अन्य चिकित्सीय सुविधाओं के खिलाफ हिंसक गतिविधियों से बचने और प्रभावी उपाय ईजाद करने का अनुरोध किया गया है।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अस्पतालों पर प्रत्यक्ष एवं जानबूझकर किए गए हमले ‘युद्ध अपराध’ हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत
नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।
इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।
उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।
डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
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