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साइंस

यूएई के अतंरिक्ष यात्री सुल्तान अल नेयादी ने रचा इतिहास, ISS के बाहर किया स्पेसवॉक

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UAE astronaut Sultan Al Neyadi performs spacewalk outside ISS

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नई दिल्ली। आज 29 अप्रैल दुबई के लिए ऐतिहासिक होने के साथ-साथ बेहद खास रहा। यूएई के अतंरिक्ष यात्री सुल्तान अल नेयादी ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) के बाहर स्पेसवॉक (Spacewalk) कर इतिहास रच दिया। बता दें कि ISS के बाहर स्पेसवॉक करने वाले सुल्तान अल नेयादी पहले मुस्लिम रहे। उन्होंने स्पेस स्टेशन के बाहर लगभग 7 घंटे बिताए। इसी के साथ संयुक्त अरब अमीरात ऐसा 10वां देश बन गया है, जिसके नागरिक ने अंतरिक्ष में स्पेस वॉक की हो।

क्या होता है स्पेसवॉक?

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के मुताबिक, अंतरिक्ष में जब भी कोई अंतरिक्ष यात्री अपने स्पेस स्टेशन से बाहर निकलता है तो उसे स्पेसवॉक कहते हैं। स्पेसवॉक को EVA भी कहा जाता है।

अंतरिक्ष में चलना कोई मामूली बात नहीं होती बल्कि यह एक एक्टिविटी होती है, जिसे एस्ट्रोनॉट्स को पूरा करना होता है। अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन के बाहर आकर एस्ट्रोनॉट्स कई तरीके के टास्क को अंजाम देते है। इस टास्क में मरम्मत कार्य करने से लेकर उपकरणों का परीक्षण करने जैसे प्रमुख कार्य शामिल होते है।

सबसे अधिक स्पेस वॉक करने का विश्व रिकॉर्ड

अंतरिक्ष में स्पेस वॉक करने वाले पहले व्यक्ति एलेक्सी लियोनोव थे। वह रूस से थे। पहला स्पेसवॉक 18 मार्च, 1965 को हुआ था। उन्होंने स्पेस के बाहर महज 10 मिनट ही बिताया था। स्पेसवॉक पर जाने वाले पहले अमेरिकी एड व्हाइट थे। उनका स्पेसवॉक 3 जून, 1965 को जेमिनी 4 मिशन के दौरान हुआ था। व्हाइट का स्पेसवॉक 23 मिनट तक चला था।

आज, अंतरिक्ष यात्री अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के बाहर स्पेसवॉक पर जाते हैं। स्पेस वॉक आमतौर पर काम के आधार पर पांच से आठ घंटे के बीच होता है। सबसे अधिक स्पेसवॉक करने का विश्व रिकॉर्ड रूसी अंतरिक्ष यात्री अनातोली सोलोविएव के नाम है। वह 16 स्पेस वॉक कर चुके हैं। यह स्पेसवॉक अंतरिक्ष में बाहर 82 घंटे से अधिक के बराबर हैं।

अंतरिक्ष यात्री स्पेस वॉक पर क्यों जाते हैं?

अंतरिक्ष यात्री कई कारणों से स्पेसवॉक करते हैं। स्पेसवॉक के जरिए अंतरिक्ष यात्री, अंतरिक्ष में रहते हुए अपने स्पेस स्टेशन के बाहर काम कर सकते हैं। इस दौरान एस्ट्रोनॉट्स कई साइंस एक्सपेरिमेंट करते है, जिसके जरिए वैज्ञानिकों को पता चलता है कि अंतरिक्ष में होने से अलग-अलग चीजें कैसे प्रभावित होती हैं। वे अतंरिक्ष में रहते हुए अपने स्पेस स्टेशन की मरम्मत भी कर सकते हैं।

अंतरिक्ष यात्री स्पेसवॉक पर कैसे जाते हैं?

बता दें कि स्पेसवॉक पर जाना अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खतरों से कम नहीं होता। एस्ट्रोनॉट्स जब स्पेसवॉक पर जाते हैं तो वे खुद को सुरक्षित रखने के लिए स्पेससूट पहनते हैं। यह स्पेससूट भारी से भारी तापमान को झेलने में सक्षम होता है। इस स्पेससूट के अंदर सांस लेने तक के लिए ऑक्सीजन होता है। साथ ही पीने का पानी भी शामिल होता है।

बता दें कि एस्ट्रोनॉट्स स्पेसवॉक जाने से कई घंटों पहले ही स्पेससूट पहन लेते है। सूट पर दबाव डाला जाता है, मतलब यह सूट पूरी तरह से ऑक्सीजन से भरा हुआ रहता हैं। सूट पहनने के बाद अंतरिक्ष यात्री को घंटों तक ऑक्सीजन में सांस लेना होता है और शरीर से नाइट्रोजन निकाल देना होता है।

अगर उनके शरीर में नाइट्रोजन की मात्रा ज्यादा रही तो अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यात्रियों के शरीर में गैस के बुलबुले आ सकते हैं। गैस के इन बुलबुलों से अंतरिक्ष यात्रियों के कंधे, कोहनी, कलाई और घुटनों में दर्द बढ़ सकता है।

स्पेशल दरवाजे से स्पेसवॉक के लिए जाते हैं अंतरिक्ष यात्री

अंतरिक्ष यात्री स्पेसवॉक के लिए जब पूरी तरह से तैयार हो जाते है, तब वह स्पेस स्टेशन के स्पेशल दरवाजे से बाहर निकलते है। इस दरवाजे को एयरलोक कहा जाता है। इस एयरलोक के दो दरवाजे होते है।

जब अंतरिक्ष यात्री स्पेस स्टेशन के अंदर होते है तो ये एयरलोक वायुरोधी होता है और कोई हवा बाहर नहीं निकल पाती। जब एस्ट्रोनॉट्स स्पेसवॉक के लिए तैयार होते है, तब एयरलोक के पहले दरवाजे से बाहर निकलते है और उसे कसकर बंद कर देते है। फिर वह दूसरे दरवाजे से स्पेस में आते है। स्पेसवॉक पूरा होने के बाद अंतरिक्ष यात्री उसी एयरलोक के जरिए स्पेस स्टेशन में एंट्री करते है।

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ऑटोमोबाइल

इन आसान उपायों से आप आसानी से बढ़ा सकते हैं अपनी बाइक का माइलेज

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easily increase the mileage of your bike in summer

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नई दिल्ली। जिन बाइक ओनर को माइलेज को लेकर शिकायत रहती है, उनकी शिकायत अब दूर होने वाली है, क्योंकि हम आज आपको बताने जा रहे हैं उन खास टिप्स के बारे में, जिनको फॉलो करके आप अपनी मोटरसाइकिल की माइलेज आसानी से बढ़ा सकते हैं।

बाइक सर्विसिंग

अन्य मौसम की तुलना में गर्मियों में मोटरसाइकिल को ज्यादा सर्विसिंग की जरूरत पड़ती है। गर्मी ज्यादा पड़ने की वजह से मोटरसाइकिल के पार्ट्स को ज्यादा नुकसान होता है। ऐसे में सर्विसिंग समय से करवाएं और जरूरी पार्ट्स को भी जरूर चेंज करवाएं।

टॉप स्पीड पर जानें से बचें

अगर आप अपनी बाइक से अच्छे माइलेज की उम्मीद करते हैं, तो उसे एक ही स्पीड में चलाएं। इससे वाहन के इंजन पर अधिक लोड नहीं आता और वो बिना ज्यादा पेट्रोल जलाए अच्छा माइलेज प्रदान करता है। इसके अलावा क्लच दबा कर गाड़ी चलाने और बार-बार ब्रेक लगाने से भी माइलेज पर खराब असर पड़ता है।

ट्रैफिक सिग्नल पर इंजन करें बंद

अगर आप सिटी राइड कर रहे हैं तो आपको थोड़ा अधिक सचेत रहने की जरूरत है। सिटी राइडिंग के दौरान ट्रैफिक सिग्नल्स अधिक पड़ते हैं। अगर आप किसी रेड लाइट पर पहुंचते हैं तो गाड़ी के इंजन को बंद कर दें। इससे माइलेज पर काफी असर पड़ेगा।

लो RPM पर रखें बाइक

अपनी बाइक के RPM को मिनिमम रखें। अगर बाइक की रेस ज्यादा है तो यह ज्यादा ईंधन की खपत करेगी। इसके अलावा यह स्टार्ट होने पर खड़े-खड़े भी ज्यादा ईंधन की खपत करेगी। बेवजह रेस देने से बचें।

गियर शिफ्टिंग करें स्लो

गियर शिफ्टिंग अगर तेज की जाए तो इससे इंजन पर ज्यादा दबाव पड़ने लगता है और दबाव ज्यादा होने की वजह से फ्यूल कंज्यूमिंग बढ़ जाती है। ऐसे में आपको गियर शिफ्टिंग स्लो करनी चाहिए।

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