मुख्य समाचार
उप्रः शांति व सांप्रदायिक सद्भाव हेतु सर्व धर्म सत्संग आयोजित
लखनऊ। त्यागार्चना शांति मिशन की प्रथम वर्षगांठ पर, उत्तर प्रदेश में शांति व सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाये रखने के उद्देश्य से आज यहां गोमती नगर स्थित सीएमएस ऑडिटोरियम में धर्म राज्य वेदि की ओर से एक सर्व धर्म सत्संग का आयोजन किया गया। सर्व धर्म सत्संग में प्रमुख वक्ता के तौर पर उपस्थित महानुभावों में प्रमुख थे- त्यागार्चना शांति मिशन के संस्थापक एवं आचार्य गुरु स्वामी सच्चिदानंद भारती, लखनऊ के बिशप सम्माननीय गेराल्ड जॉन मैथियास, तौहीदुल मुस्लिमीन ट्रस्ट के संस्थापक व सचिव मौलाना डॉ. कल्बे सादिक, कबीर पीस मिशन के संस्थापक व मुख्य समन्वयक आरके मित्तल, अवकाशप्राप्त आईएएस, धर्म भारती नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पीस एंड वैल्यू एजूकेशन के चेयरमैन डॉ. हरदेव सिंह तथा डियोसेस ऑफ लखनऊ के विकार जनरल एवं त्यागार्चना शांति मिशन के लखनऊ पाइलट प्रोजेक्ट के चेयरमैन रेव. एफ. रोलाल्ड डिसूजा।
देश में शांति व सांप्रदायिक सौहार्द्र के लिए धर्म राज्य वेदि द्वारा गठित त्यागार्चना शांति मिशन एक अंतर्जातीय मिशन है। मिशन और वेदि दोनों की स्थापना स्वामी सच्चिदानंद भारती ने की है, जो एयरफोर्स से अपने जुड़ाव के कारण एयरफोर्स बाबा के नाम से भी जाने जाते हैं। त्यागार्चना शांति मिशन की स्थापना 2013-14 में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर एवं निकटवर्ती जिलों में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान उपजे दर्द व रोष के फलस्वरूप की गयी थी। एयरफोर्स बाबा तीन माह तक उस क्षेत्र में शांति व समझाइस के प्रोजेक्ट में शामिल रहे थे।
त्यागार्चना शांति मिशन के यूपी पायलट प्रोजेक्ट का उद्घाटन 16 मई 2015 को सीएमएस ऑडिटोरियम में ही, नेशनल फाउंडेशन फॉर कम्युनल हारमनी के सचिव एम्बेसडर अशोक सज्जनहार ने किया था। अब इसे यूपी शांति मिशन के नाम से जाना जायेगा और यह टीएसएम की राज्य इकाई के रूप में कार्य करेगा। बिशप गेराल्ड मैथियास ने यूपी शांति मिशन का ब्रोशर जारी किया। स्वामी जी ने डॉ. हरदेव सिंह को यूपी शांति मिशन का अध्यक्ष नियुक्त किया है। प्रोफेसर डॉ. शीला मिश्रा इसकी उपाध्यक्ष हैं और सेल्स टैक्स के अवकाशप्राप्त अतिरिक्त आयुक्त एवं वर्तमान में उच्च न्यायालय के वकील डॉ. वीबी सिंह इसके महासचिव घोषित किये गये हैं।
यूपी शांति मिशन का आध्यात्मिक शिक्षा केंद्र सीतापुर रोड पर जैतनपुर गांव में कबीर भारती आश्रम में है। इसके प्रमुख उद्देश्यों में शामिल है- भूखमुक्त बचपन अभियान के लखनऊ प्रोजेक्ट का प्रचार-प्रसार, उत्तर प्रदेश में शांति व सद्भाव के मकसद से वरिष्ठ नागरिकों के लिए धर्म राज्य सत्संग की स्थापना, तथा उत्तर प्रदेश के शिक्षा संस्थानों में शांति व गुणवत्ता वाली शिक्षा को बढ़ावा देना आदि। सत्संग से पूर्व टीएसएम के राष्ट्रीय समन्वयक साधक थॉमस सत्यानंद भारत ने एक पॉवर पॉइंट प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया। इसके बाद महात्मा गांधी लिखित ‘हिंद स्वराज’ एक फिल्म दिखायी गयी। डॉ. हरदेव सिंह ने फिल्म के निर्माता रामानंद तिवारी को सम्मानित भी किया।
नेशनल
पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे
श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।
अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।
अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।
नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।
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