अन्तर्राष्ट्रीय
ईरान में कुरान और पैगंबर का अपमान करने के आरोप में दो लोगों को फांसी की सजा
तेहरान। ईरान में ईशनिंदा के आरोप में दो लोगों को फांसी पर लटका दिया गया है. दोनों पर कुरान और पैगंबर का अपमान करने का आरोप है. ईरान की न्यायपालिका से जुड़ी न्यूज वेबसाइट मिजान के मुताबिक, ईरान ने ईशनिंदा के आरोप में दो लोगों को मौत की सजा सुनाई है.
मिजान ने बताया कि यूसेफ मेहरदाद और सद्रोला फाजेली जारे ने दर्जनों ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए इस्लाम के प्रति घृणा फैलाई, नास्तिकता को बढ़ा दिया और धर्म का अपमान किया. हालांकि, मिजान ने ये नहीं बताया कि दोनों को फांसी कब दी गई.
बीते महीने पाकिस्तान में रमजान के महीने में ईशनिंदा के आरोप में एक चीनी नागरिक को गिरफ्तार किया गया था. ये मामला खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत का था. जहां पुलिस ने चीनी नागरिक को हिरासत में लिया था.
स्थानीय मीडिया में छपी खबरों के अनुसार, चीनी नागरिक चाइना गेजौबा ग्रुप कंपनी में एक इंजीनियर है. उसे इस्लामाबाद से लगभग 350 किमी उत्तर में दसू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के एक कैंप में तैनात किया गया था. काम के दौरान स्थानीय पाकिस्तानी स्टाफ से उसकी तीखी बहस हो गई.
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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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