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उड़ गई ट्विटर की नीली चिड़िया, शीबा इनु डॉगी बना नया लोगो  

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Elon Musk Replaces Twitter Logo

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नई दिल्ली। जब से एलन मस्क ट्विटर के मालिक बने हैं, लगातार कुछ न कुछ बदलाव हो रहे हैं। ताजा बदलाव ट्विटर के लोगो का है। ट्विटर के जन्म से इसकी पहचान बनी Blue Bird (नीली चिड़िया) सोमवार को अचानक कहीं उड़ है और उसकी जगह लोगों में दिखने लगता है एक डॉगी।

फिर ट्विटर पर #DOGE ट्रेंड करने लगा। यूजर्स सोच में पड़ गए कि कहीं ट्विटर हैक तो नहीं हो गया है। लेकिन एलन मस्क के ऐलान से सब क्लियर हो गया।

मस्क Dogecoin को सपोर्ट करते हैं

दरअसल, एलन मस्क Dogecoin को सपोर्ट करते हैं, जो एक मीम क्रिप्टोकरेंसी है। Logo में जो कुत्ता नजर आ रहा है वो शीबा इनु प्रजाति का है, जिसका नाम फ्लूकी है और यह मस्क का पालतू कुत्ता है। वह इसकी तस्वीर साझा करके बता चुके हैं कि वह उनके सीईओ से बेहतर है।

Meme क्रिप्टो करेंसी क्या है?

बता दें कि मीम बेस्ड क्रिप्टोकरेंसी कुछ समय से काफी पॉपुलर हो रही है। इसमें फोटो, वीडियो या दूसरे माध्यमों के रूप में फनी मीम इस्तेमाल किए जाते हैं। Dogecoin और Shiba Inu प्रेजेंट में सबसे ज्यादा पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी हैं।

हालांकि पहले यह सिर्फ फन के लिए शुरू किया गया था लेकिन 2021 में इसकी कीमत तेजी से बढ़ गई। Doge मीम को शीबा इनु (कुत्ते की नस्ल) की वायरल फोटो के बाद बनाया गया था। इनकी कीमतें तब बढ़ती है जब कम्युनिटी के मेंबर कॉइन को खरीदते हैं ताकि वो इस मजाक का हिस्सा बन सकें।

मोबाइल पर दिख रही नीली चिड़िया

डॉगी का लोगो सिर्फ ट्विटर के वेब पेज यानि डेस्कटॉप पर ही दिखाई दे रहा है। मोबाइल ऐप पर ब्लू बर्ड ही दिख रही है। अभी इस बात की जानकारी नहीं है कि इसे ऑफिशियल लोगो बना दिया गया है या फिर ये टेम्परेरी है।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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