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आखिर क्यों मशहूर लेखक ने मोदी से कहा- मुझे शर्म आती है कि आप हमारे प्रधानमंत्री हैं!

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फेक न्यूज ये एक ऐसा शब्द है, जिसको आप बहुत ही अच्छी तरह से जानते होंगे। किसी भी राजनेता या अभिनेता के बारे में झूठ फैलने का काम ये करता है। रोजाना ऐसे मामले सामने आते हैं जब किसी फेक तस्वीर, खबर या वीडियो से लोगों को बदनाम करने की साजिश की जाती है और उन्हें सोशल मीडिया पर खुलेआम मारने की धमकी तक दी जाती है। और तो और इसका प्रभाव किस कदर बढ़ गया है। किस हद तक इसने लोगों के मन में जहर बो दिया है। अब ये किसी को बताने की जरूरत नहीं है।

साभार – INTERNET

बीते दिनों देश की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तक को जान से मारने की खुलेआम सोशल मीडिया पर धमकी दे चुके हैं। सबसे शर्मनाक बात ये है कि ऐसे कई लोगों को हमारे देश के पीएम नरेंद्र मोदी समेत कई सरकारी मंत्री और बड़े नेता फॉलो करते हैं।

साभार – INTERNET

हाल में ही कांग्रेस की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी से जुड़ा है। @GirishK1605 नामक ट्विटर हैंडल से प्रियंका चतुर्वेदी की बेटी के बलात्कार की धमकी दी गई है। ‘जय श्री राम’ के नाम से ट्विटर प्रयोग करने वाले इस ट्विटर यूजर ने साथ में एक फोटो भी शेयर की है जिसमें प्रियंका के हवाले से एक फेक बयान शेयर किया हुआ है। इस बयान में दावा किया गया है कि प्रियंका ने मंदसौर में रेप का समर्थन करते हुए कहा है कि मंदसौर में बलात्कार ही तो हुआ है, मुस्लिमों का हक है।

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बता दें कि प्रियंका का यह बयान फेक है। जिसके आधार पर @GirishK1605 ने प्रियंका की बेटी का बलात्कार करने की धमकी दी है। प्रियंका ने मुंबई पुलिस को ट्वीट करते हुए इस ट्विटर यूजर के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की है। प्रियंका ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘भगवान राम के नाम से ट्विटर हैंडल चलाकर, पहले तो मेरा गलत बयान लगाते हो, फिर मेरी बेटी के बारे में अभद्र टिप्पणी करते हो। कुछ शर्म हो तो चुल्लू भर पानी में डूब मरो वरना भगवान राम ही इसका सबक सिखाएंगे तुम जैसे नीच सोच वाले इंसान को।

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मामले में ताजा अपडेट ये है कि खुद को फंसता देख @GirishK1605 ने अपना ट्विटर अकाउंट डिलीट कर दिया है। इस मामले में किसी भी राजनेता ने कोई भी बयान नहीं दिया है। जबकि वहीं प्रियंका के समर्थन में आने वाले बॉलीवुड लेखक-निर्देशक अविनाश दास ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री मोदी @GirishK1605 नामक इस ट्विटर यूजर को फॉलो करते हैं। अविनाश ने ट्वीट करते हुए कहा है, ‘माननीय नरेंद्र मोदी जी, अगर आप इस जैसों को फॉलो करते हैं, तो मुझे शर्म आती है कि आप हमारे प्रधानमंत्री हैं!’

 

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लोकसभा के शोले और रहीम चाचा की खामोशी

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सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ

हिन्दी सिनेमा की कालजई फिल्म शोले के रहीम चाचा का किरदार आपको जरूर याद होगा। उनका एक डायलॉग था जिसमें वो कहते है “इतना सन्नाटा क्यूँ है भाई” उस वक्त पूरे रामगढ़ में किसी के पास इसका जवाब नहीं था, कमोवेश ठीक वैसे ही हालात इस वक्त लोकसभा चुनाव में नजर आ रहे हैं। लोकसभा के चुनाव के दो चरण पूरे हो चुके हैं पर पूरे देश में कहीं भी ऐसा नजर नहीं आता कि हम अगले पाँच साल के लिए अपने नुमाइंदे चुनने जा रहे हैं। एक अजीब खामोशी नुमायाँ है। गांव, कस्बों और शहरों तक में होर्डिंग और पोस्टर नजर नहीं आ रहे हैं और न ही कानफोडू लाऊडस्पीकर पर वोट मांगने वालों का शोर सुनाई दे रहा है, चाय की टपरी और पान के खोखों पर जमा होने वाली भीड़ अपने होंठों को सिले हुए है।

एक वक्त था जब हम लोग चाय की टपरी, पान की दुकान और रास्तों के ढाबों से देश का मूड भांप लेते थे। मतदाताओं के मन में क्या चल रहा है इसका अंदाज लगाना आसान था। लेकिन आज स्थिति उलट है इन जगहों पर खड़ा आम आदमी आपसे ही उल्टा पूछ लेता है ‘और क्या चल रहा है’ इंसान-इंसान के बीच अविश्वास की खाई इतनी गहरी हो गई है कि वो पब्लिक प्लेस पर अब राजनीतिक बात करने से गुरेज करने लगा है। वोटर अपने मन की बात जुबान पर नहीं लाना चाहता हैं क्यूंकी अब वो रेडियो पर ‘मोदी जी’ के मन की बात सुन रहा है और अपने मन की बात अपने मन में रखे हुए है। उसे डर है और ये डर मिश्रित चुप्पी स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा लक्षण नहीं है।

लोकसभा चुनाव के पहले चरण की तरह दूसरे चरण में भी वोटिंग 2019 के मुकाबले कम हुई है। पहले चरण में 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर 64 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में उन सीटों पर भी 70 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ था। ऐसे ही इस बार दूसरे चरण में 13 राज्यों की 88 लोकसभा सीटों पर करीब 63 फीसदी वोट पड़े। यह 2019 के लोकसभा चुनाव में 70.09% मतदान के मुकाबले काफी कम था। यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों में वोटिंग उम्मीद से काफी कम रही। यूपी में 54.85%, बिहार में 55.08% , महाराष्ट्र में 57.83% , एमपी में 57.88 % वोटिंग हुई। सबसे अधिक वोट त्रिपुरा, मणिपुर, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में पड़े। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में सात मई को वोटिंग है। इसमें 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 95 सीट पर मतदान होगा, जिसके लिए 1351 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।

जब 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को तीसरे, चौथे, पांचवे, छठे और सातवें चरण का मतदान होगा तो इस दौरान देश के अधिकतर हिस्सों में गर्मी के साथ लू का असर दिखाई देगा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान लगभग 72% निर्वाचन क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 35°C या इससे अधिक हो सकता है। विशेष रूप से, 59 सीटों पर 40-42 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान का सामना करना पड़ सकता है। जबकि 194 सीटों पर 37.5-से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान देखा जा सकता है। लेकिन इस गर्मी के बीच क्षेत्रीय दलों के नेता काफी तेजी से अपने इलाके के मतदाताओं पर पकड़ बना रहे हैं और उन सवालों को उठा रहे हैं जिनसे देश का किसान, मजदूर और नौजवान चिंतित है। इसलिए उनके प्रति आम जनता की अपेक्षाएं बढ़ी हैं इसलिए विपक्षी गठबंधन के नेताओं की रैलियों में भारी भीड़ आ रही है। जबकि भाजपा की रैलियों का रंग उसके मुकाबले फीका नजर या रहा है।

हालांकि रैली में आने वाली भीड़ जीत का पैमाना नहीं होती इसलिए कुछ कहा नहीं जा सकता। हर दल का अपना एक समर्पित काडर होता है। जबकि आज काडर के नाम पर ज्यादातर दलों के पास सत्ता के छत्ते से चिपकी रहने वाली मधुमक्खी ही ज्यादा नजर या रहीं है ये वो लोग हैं जिन्हें सत्ता की दलाली करने के अवसरों की तलाश होती है। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ जिसके पास काडर है कार्यकर्ता हैं वो भी खामोश नजर आ रहा है। बहरहाल लगातार कम होते मतदान ने नेताओं की धुकधुकी बढ़ा रखी है। सत्ता पक्ष मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए परेशान है तो विपक्ष कम प्रतिशत को अपने पक्ष में मानकर मुंगेरीलाल के सपने बुनने में मगन है।

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