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मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावः जिसे कभी कहा जाता था बीजेपी का हथियार, अब उससे ही पार्टी को लगने लगा है डर

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भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर काग्रेस और बीजेपी ने जोर शोर से तैयारियां शुरु कर दी हैं। माना जा रहा है कि इस बार कांग्रेस बीजेपी को कड़ी टक्कर दे सकती है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में लगातार तीन बार से बीजेपी सरकार बनाती चली आ रही है ऐसे में इस बार फिर चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करना बीजेपी के लिए चुनौतीपूर्ण है।

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बीजेपी के लिए दलित वोट साधना भी अब मुश्किल नजर आ रहा है। बीजेपी मध्य प्रदेश में दलितों को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों को लेकर खासी चिंतित है। मध्य प्रदेश कार्यालय में अनुसूचित जनजाति मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविचार नेताम की मौजूदगी में हुई बैठक में सोशल मीडिया पर चल रही खबरों का डर साफ नजर आया।

नेताम ने कहा, “सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों का खंडन जरूरी है, वरना ये अफवाहें जनमानस को नकारात्मक दिशा में मोड़ सकती हैं, इसलिए सोशल मीडिया प्रतिनिधि ऐसी अफवाहों का तत्काल, तथ्यात्मक जानकारी के साथ खंडन करें।”

मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नेताम ने आगे कहा कि सोशल मीडिया की ताकत दिनों दिन बढ़ती जा रही है। अब तो चुनाव भी सोशल मीडिया की ताकत से जीते जाने लगे हैं।

उन्होंने सोशल मीडिया प्रतिनिाियों से आह्वान किया कि वे एक तरफ केंद्र और प्रदेश की सरकारों की जनकल्याणकारी योजनाओं का सोशल मीडिया पर प्रसार करें, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष की कमियों को भी सोशल मीडिया पर उजागर करें।

उन्होंने प्रदेश में सोशल मीडिया सेल की गतिविधियों एवं विस्तार की जानकारी ली। नेताम ने अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला प्रतिनिधियों से कहा कि सिर्फ पोस्टरवार के दम पर कोई नेता नहीं बन सकता। इसके लिए जनता के बीच जाना, उनकी लड़ाई लड़ना और उनकी परेशानियों में भागीदार बनना जरूरी है।

पार्टी के प्रदेश महामंत्री विष्णुदत्त शर्मा ने बूथ स्तर पर महिलाओं एवं युवाओं की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत बताते हुए हर बूथ पर कम से कम पांच-पांच महिलाओं को मोर्चे से जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने मोर्चा प्रतिनिधियों से कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों में आदिवासी समुदाय के महापुरुषों से संबंधित कार्यक्रम आयोजित करें।

कार्यक्रम में उपस्थित उदयपुर से लोकसभा सांसद एवं अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री अर्जुन मीणा ने मध्यप्रदेश में मोर्चा के संगठन को आदर्श बताते हुए कहा, “चुनावों में टिकट जिसे भी मिले, हमारा उम्मीदवार कमल का फूल है। कमल के फूल को जिताने के लिए मोर्चा कार्यकर्ता समन्वयपूर्वक काम करें।”

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गोयल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट कला विधि से बनाया पीएम मोदी का पोर्ट्रेट

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लखनऊ। गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हाईयर स्टडीज महाविद्यालय लखनऊ के ललित कला विभाग के छात्रों ने 30 फीट के आकार में स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट की कला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोर्ट्रेट बनाया।

यह दृश्य कला की नई विधा में धागे से बना पोर्ट्रेट अपने आप में खास है। इसे बनाने में कुल 30 घंटे का समय लगा। जिसमें धागे का वजन लगभग 15 किलो तथा उस धागे की कुल लंबाई लगभग 45 किलोमीटर है। छात्रों ने बताया कि चित्र के आकार में इस प्रकार की कला में यह अब तक का सबसे बड़ा आर्टवर्क है जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ द रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ द रिकॉर्ड तथा गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तावित है।

आठ छात्रों की टीम (ब्रेकअप टीम) का नेतृत्व बाराबंकी स्थित अमोली कला, रामनगर निवासी देवाशीष मिश्रा द्वारा किया गया। टीम के अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों में अभिषेक महाराणा, आदर्श शांडिल्य, लारैब कमाल खान, अभय यादव, सानिध्य गुप्ता, आरुषि अग्रवाल व कृतिका जैन का नाम शामिल है। इसका संचालन डॉक्टर संतोष पांडेय, प्राचार्य गोयल इंस्टीट्यूट आफ हायर स्टडीज महाविद्यालय ने किया। निरीक्षण श्रीमती शिखा पांडेय वह राकेश प्रभाकर द्वारा किया गया। इसमें ललित कला विभाग के प्राध्यापकों व समस्त छात्रों के सहयोग रहा।

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