Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

उत्‍तराखण्‍ड मामले पर केंद्र के पास 6 मई तक का समय

Published

on

उत्‍तराखण्‍ड मामला, सर्वोच्‍च न्यायालय, उत्तराखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण, छह मई तक का समय, फ्लोर टेस्ट

Loading

 

mukul rohtagi, nainital high court, supreme court, UTTARAKHAND, उत्तराखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण, उत्‍तराखण्‍ड मामला, छह मई तक का समय, फ्लोर टेस्ट, सर्वोच्च न्यायालय

supreme court

नई दिल्ली। सर्वोच्‍च न्यायालय ने उत्तराखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण आयोजित करवाने के बारे में उसे सूचित करने के लिए केंद्र को छह मई तक का समय दिया। महान्‍यायवादी मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार को सुझाव दे दिए हैं और उन्हें सरकार से अभी तक कोई निर्देश नहीं मिला है। शीर्षस्‍थ न्‍यायालय में केंद्र ने जवाब दाखिल करके कहा है कि वह फ्लोर टेस्ट पर गंभीरता से विचार कर रहा है। इस मामले पर शुक्रवार को अगली सुनवाई होगी। दूसरी तरफ पूर्व सीएम हरीश रावत के वकील ने कहा कि यदि सरकार उच्चतम न्यायालय के सुझाव स्वीकार करती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। वहीं उच्चतम न्यायालय ने कहा कि यदि महान्‍यायवादी (एजी) सुझाव पर केंद्र के रूख के बारे में अवगत नहीं कराते तो भी सुनवाई छह मई को ही शुरू होगी। साथ ही, कोर्ट ने कहा कि हम छह मई को इस मामले को संविधान पीठ के पास भेजने पर विचार कर सकते हैं। मामला खारिज करने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय के निर्णय पर अगला आदेश आने तक अंतरिम रोक जारी रहेगी।

कल सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या केंद्र सरकार शक्ति परीक्षण कराना चाहती है। नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन हटाने का फ़ैसला दिया था जिसके ख़िलाफ़ केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है। मंगलवार को कोर्ट ने केंद्र से पूछा था कि क्यों न पहले कोर्ट की निगरानी में फ्लोर टेस्ट कराया जाए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रामेश्वर जजमेंट का हवाला भी दिया। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल को फ्लोर टेस्ट के मसले पर सरकार से निर्देश लाने को भी कहा था। इसके लिए कोर्ट ने एजी को 24 घंटे का समय दिया गया था। बता दें कि फिलहाल राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।

हाईकोर्ट के आदेश पर रोक

इससे पहले उत्तराखंड हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए राष्ट्रपति शासन हटाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि राज्य में 18 मार्च से पहले की स्थिति बनी रहेगी। ऐसे में हरीश रावत एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बन गए थे और उन्हें 29 अप्रैल को विधानसभा में बहुमत साबित करने का आदेश दिया गया था। हाई कोर्ट के इस आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी और राज्य में राष्ट्रपति शासन फिर लागू हो गया है।

उत्तराखंड विधानसभा का हाई वोल्टेज ड्रामा

गौरतलब है कि 18 मार्च को विधानसभा में विनियोग विधेयक पर मत विभाजन की भाजपा की मांग का कांग्रेस के नौ विधायकों ने समर्थन किया था, जिसके बाद प्रदेश में सियासी तूफान पैदा हो गया और उसकी परिणिति 27 मार्च को राष्ट्रपति शासन के रूप में हुई।

 

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

Published

on

Loading

नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

Continue Reading

Trending